नई दिल्‍ली 27 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . भारतीय रेल वंदेभारत के बाद अब हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की कवायद तेज कर दी है. भारत में जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन समेत कई देशों से अलग हाइड्रोजन ट्रेन चलेगी. देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल अगले साल शुरू में होगा और कमर्शियल रनिंग की तैयारी 2028 तक पूरी हो जाएगी. यह ट्रेन जर्मनी, फ्रांस और स्वीडन की हाइड्रोजन ट्रेनों से कितनी अलग होगी? आइए जानें.

जर्मनी में कमर्शियल रूप ट्रेन 140 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ती है और एक टैंक हाइड्रोजन से 600-800 किमी दौड़ सकती है. इसमें फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी है, जो बिजली बनाकर इंजन चलाती है. जर्मनी के नॉर्थईस्ट में 75 मील के रूट पर यह रोजाना 100 फीसदी हाइड्रोजन से चलती है. फ्रांस में 2021 में इस ट्रेन का पहला टेस्ट किया था. लेकिन 2025 में सरकार ने सब्सिडी बंद कर दी,इस वजह से ट्रेन अभी शुरू नहीं हो पायी है. स्वीडन में अभी प्लानिंग स्टेज है.  पर कमर्शियल रनिंग 2027-28 में शुरू होगी. हाइड्रोजन शंटिंग लोकोमोटिव साथ 2027 तक आएगा

रेलवे मंत्रालय के एग्‍जक्‍यूटिव डायरेक्‍टर इनफार्मेशन एंड पब्लिसिटी दिलीप कुमार का ने बताया कि भारत में एक डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) को कन्वर्ट करके बनाई गई है, जिसमें 1200 एचपी पावर है. आईसीएफ चेन्‍नई में जुलाई 2025 में इसका सफल टेस्ट हो चुका है. भारत लोकल हाइड्रोजन प्रोडक्शन पर फोकस करेगा, जो सस्ता और आत्मनिर्भर होगा. रेल मंत्रालय ने 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा बजट आवंटित किया है.

रेलवे मंत्रालय के अनुसार इसका ट्रायल जनवरी 2026 से शुरू होगा. यह नेट जीरो मिशन का बड़ा कदम है. जर्मनी-फ्रांस-स्वीडन से सीखते हुए भारत अपनी ट्रेन को सस्ती और मजबूत बनाएगा. हरियाणा के जिंद-सोनिपत रूट पर 89 किमी लंबे ट्रैक पर यह परीक्षण होगा.

भारत में हाइड्रोजन ट्रेन का किराया

एक अनुमान के मुताबिक भारत में ज्‍यादा किराया नहीं रखा जाएगा, जिससे आम यात्री इससे सफर कर सकें. जानकारों की मानें तो किराया स्‍लीपर से अधिक हो सकता है. हालांकि अभी ट्रायल में है तो किराया के संबंध में स्‍पष्‍ट अनुमान लगा पाना थोड़ा मुश्किल होगा.

कुछ ट्रायल सफल

रेल मंत्रालय के अनुसार प्रोजेक्‍ट हाइड्रोजन फ्यूल सेल और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का काम पायलट प्रोजेक्‍ट के रूप में किया जा रहा है. इसका ट्रायल सफल रहा है. सेल के डिजाइन और हाइड्रोजन प्‍लांट अप्रूव हो गए हैं. हाइड्रोजन सुरक्षा को लेकर ग्‍लोबल एजेंसियों ने अप्रूवल दे दी है.

शुरू में 35 ट्रेन चलाने का प्‍लान

रेलवे ने हाइड्रोजन हेरीटेज के तहत 35 हाइड्रोजन ट्रेन का प्‍लान किया है, जिसमें प्रति ट्रेन की लागत 80 करोड़ और जमीन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की 70 करोड़ हेरीटेज और हिल रूट चलाने की तैयारी है.

सारांश

भारत जल्द ही हाइड्रोजन इंजन से चलने वाली ट्रेन शुरू करने की तैयारी में है। यह ट्रेन जर्मनी, फ्रांस और स्वीडन की हाइड्रोजन ट्रेनों से तकनीकी और डिजाइन में अलग होगी। भारतीय रेलवे ने इसके संचालन के लिए आवश्यक परीक्षण और तैयारियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और अनुमान है कि यह आने वाले वर्षों में यातायात में शामिल होगी।

Bharat Baani Bureau

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