08 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : रोटी के बिना भारतीय ताली अधूरी मानी जाती है। कुछ लोग तो बिना रोटी के काना ही नहीं खाते। दोपहर का लंच हो या फिर रात का डिनर रोटी चाहिए ही। हर घर में अलग अलग आटे की रोटियां बनाई जाती है। कुछ घरों में गेहूं के आटे रोटी बनती है तो कुछ घरों में मल्टीग्रेन तो कुछ में ज्वार की रोटी बनाई जाती है। गेहूं की रोटी जहां सदियों से घरों में बनाई जा रही है तो वहीं ज्वार की रोटी अपने पोषण के कारण लोगों के बीच काफी पॉपुलर होता जा रहा है। लेकिन लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि ज्वार और गेहूं की रोटी में सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद क्या होता है। तो चलिए यहां हम आपको बताएंगे ज्वार या गेंहू की रोटी, कौन है सेहत का असली खजाना।
ज्वार की रोटी के फायदे
- ग्लूटेन-फ्री – जिन लोगों को ग्लूटेन से समस्या है उनके लिए ज्वार की रोटी बेहतर है।
- फाइबर से भरपूर ज्वार पाचन से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या दूर होती है।
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स: डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्वार की रोटी काफी फायदेमंद मानी जाती है।
- ज्वार की रोटी में भरपूर मात्रा में पाइबर होता है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है जिससे भूख कम लगती है और वजन घरटाने में मदद मिलती है।
- ज्वार की रोटी कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होती है।
गेहूं की रोटी के फायदे
- ऊर्जा देने में सहायक: गेहूं की रोटी शरीर को तुरंत ऊर्जा देने का काम करती है।
- प्रोटीन और बी-विटामिन्स का बेहतरीन सोर्स माने जाते हैं।
- इसे पचाना बेहद आसान है।
कौस सी ज्यादा फायदेमंद
कुल मिलाकर सेहत के लिए ज्वार की रोटी अक्सर अधिक फायदेमंद मानी जाती है, खासकर शुगर के मरीजों, वजन घटाने वाले लोगों, और पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए। लेकिन अगर आपको ग्लूटेन की समस्या नहीं है और रोज़मर्रा की एनर्जी की जरूरत अधिक है, तो गेहूं की रोटी भी अच्छी है।
सारांश:
ज्वार और गेहूं दोनों रोटियां स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार ज्वार की रोटी में ग्लूटेन कम और फाइबर अधिक होता है, जिससे यह पाचन और वजन नियंत्रण के लिए बेहतर मानी जाती है। गेहूं की रोटी भी ऊर्जा देती है, लेकिन कुछ लोगों को इसे पचाने में कठिनाई हो सकती है।
