इस्लामाबाद 17 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : कंगाल पाकिस्तान अब दोहरी मार झेलने वाला है. भारत ने पहले ही शहबाज के देश का नलका बंद कर दिया था और अब तालिबान भी पाकिस्तान को तगड़ा झटका देने वाला है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि खून और पानी दोनों एक साथ नहीं बह सकते और ये कहते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि निलंबित कर दी गई थी. इस वार के दर्द से पाकिस्तान पहले ही उछला-उछला फिर रहा है, इस बीच अफगानिस्तान ने भी शहबाज के देश में पानी संकट की मार को दोगुना करने का ऐलान कर दिया है.
India के बाद अब Pakistan को कैसे धोएगा Taliban?
तालिबान ने फैसला कर लिया है कि अब कुनार नदी पर बांध बनाया जाएगा. भारत ने पाकिस्तान के साथ IWT (Indus Water Treaty) पहले ही निलंबित कर दी थी. वहीं अब अफगानिस्तान ने शहबाज की नींद उड़ा दी है. कुनार नदी पर बांध बनने के बाद पाकिस्तान में पानी का संकट बढ़ जाएगा क्योंकि ये नदी पाकिस्तान की वॉटर सप्लाई का एक महत्वपूर्ण सोर्स है. तालिबान शासन ने कुनार के पानी को मोड़ने की योजना को मंजूरी दी है.
इस परियोजना के तहत नदी के पानी को गंबीरी रेगिस्तान से नंगारहार प्रांत में दुरंती बांध तक पहुंचाया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, जल के इस रणनीतिक मोड़ से चित्राल और निचले इलाकों में सिंचाई, पेयजल और पनबिजली के लिए पानी की भयंकर कमी हो जाएगी.
तालिबान सूत्रों ने इस कदम को अपनी ‘खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आंतरिक विकास’ की रणनीति करार दिया है. उनका कहना है कि परियोजना बंजर भूमि की सिंचाई और फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए है और इसका उद्देश्य निचले इलाकों यानी पाकिस्तान में प्रवाह को नुकसान पहुंचाना नहीं है. सरकार ने साफ कह दिया है कि ‘एक ऊपरी देश के रूप में, हमारे पास राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए अपने जल संसाधनों का उपयोग करने का संप्रभु अधिकार है’.
पाकिस्तान के लिए कितनी जरूरी है ये नदी?
बता दें कि कुनार नदी 480 किलोमीटर लंबी है, जो पाकिस्तान के चित्राल क्षेत्र से निकलती है, अफगानिस्तान के नंगारहार और कुनार प्रांतों से गुजरती है और आखिर में पाकिस्तान की सिंधु नदी में मिलती है. अफगानिस्तान से पाकिस्तान में बहने वाली काबुल और कुनार नदियां पाकिस्तान के लिए पानी का एक प्रमुख स्रोत हैं.
अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ेगा
इन दोनों देशों के बीच पहले ही मारा-मारी चल रही है और अब तालिबानी सरकार के इस फैसले के बाद पाकिस्तान के साथ उनका तनाव और भी बढ़ जाएगा. हालांकि, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर अटैक्स बंद नहीं किए हैं.
सारांश:
भारत के बाद अब पाकिस्तान को भी पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस संकट से तालिबान प्रभावित क्षेत्रों में भी असर दिख सकता है।
