22 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : भारत और न्यूजीलैंड ने लंबे समय से चले आ रहे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत पूरी कर ली है। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने फोन पर बात कर इस उपलब्धि की घोषणा की। यह समझौता अगले तीन महीनों में साइन होने की संभावना है और अगले साल लागू हो सकता है।
भारत के लिए क्या है अहमियत
भारत के लिए यह FTA तेज़ी से बनने वाले व्यापार समझौतों में शामिल है और यह ‘विकसित भारत 2047’ के विज़न के अनुरूप है। इस समझौते से नौकरियों, निवेश, व्यापार, नवाचार और एमएसएमई के विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
भारतीय उत्पादों को मिलेगा शून्य-शुल्क (ड्यूटी फ्री) एक्सपोर्ट का फायदा
समझौते के तहत न्यूजीलैंड अपने सभी उत्पादों पर आयात शुल्क खत्म करेगा। इसका सीधा फायदा भारत के टेक्सटाइल, जूते, चमड़ा, मरीन प्रोडक्ट, गहने, हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग सामान और ऑटोमोबाइल जैसे श्रम-प्रधान उद्योगों को मिलेगा।
सेवाओं और कुशल नौकरी में बढ़ावा
भारत को आईटी, प्रोफेशनल सर्विसेज, शिक्षा, वित्त, पर्यटन, निर्माण और अन्य व्यवसाय सेवाओं में बाजार तक पहुंच मिलेगी। इससे भारतीय सेवा प्रदाताओं और उच्च-कुशल पेशेवरों के लिए अवसर बढ़ेंगे।
नए वीजा रास्ते से भारतीय पेशेवरों को लाभ
समझौते में ‘टेम्पररी एम्प्लॉयमेंट एंट्री वीज़ा’ का प्रावधान है। इसके तहत 5,000 कुशल भारतीय पेशेवर तीन साल तक न्यूजीलैंड में काम कर सकेंगे। इसमें आयुष चिकित्सक, योग प्रशिक्षक, भारतीय शेफ, संगीत शिक्षक और आईटी, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर, शिक्षा और निर्माण जैसे उच्च मांग वाले क्षेत्रों के पेशेवर शामिल हैं।
कृषि, फार्मा और निवेश में फायदा
भारत और न्यूजीलैंड कृषि तकनीक योजनाओं पर काम करेंगे, जिसमें कीवी, सेब और शहद शामिल हैं। इससे उत्पादकता, तकनीक, शोध सहयोग और गुणवत्ता मानकों में सुधार होगा। साथ ही, फार्मर की आमदनी बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग और तकनीकी मदद भी दी जाएगी।
फार्मास्यूटिकल और मेडिकल डिवाइस कंपनियों को भी फायदा होगा क्योंकि न्यूजीलैंड भारत और अन्य प्रमुख देशों के निरीक्षण रिपोर्ट स्वीकार करेगा, जिससे बाजार में जल्दी प्रवेश संभव होगा।
न्यूजीलैंड का 20 बिलियन डॉलर निवेश
न्यूजीलैंड अगले 15 साल में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश करेगा। यह निवेश मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, सेवाओं और नवाचार को बढ़ावा देगा और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रोजगार पैदा करेगा।
न्यूजीलैंड को क्या मिलेगा फायदा
न्यूजीलैंड को 95% उत्पादों पर टैरिफ घटाने या हटाने का लाभ मिलेगा। इसमें से 57% उत्पादों पर ड्यूटी फ्री एक्सपोर्ट पहले दिन से शुरू होगी, जो पूरी तरह लागू होने पर 82% तक बढ़ जाएगी।
मुख्य लाभों में भेड़ का मांस, ऊन, कोयला, लकड़ी और समुद्री उत्पादों का शुल्क हटना शामिल है। सेब, कीवी, चेरी, एवोकाडो, ब्लूबेरी और वाइन पर भी क्रमिक टैरिफ कटौती होगी। साथ ही डेयरी उत्पादों पर भी आसानी से ड्यूटी फ्री एक्सपोर्ट संभव होगा।
सारांश:
भारत-न्यूजीलैंड के बीच FTA (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) को लेकर समझौता फाइनल होने से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है। इस समझौते से भारत को आईटी, फार्मा, टेक्सटाइल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बेहतर बाजार पहुंच मिल सकती है, जबकि न्यूजीलैंड को शिक्षा, वाइन, ऊन और कृषि-आधारित उत्पादों के निर्यात में फायदा होगा। साथ ही निवेश, रोजगार और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
