पंजाब 23 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) पांच नदियों की धरती कहे जाने वाले पंजाब में इस समय पानी को लेकर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। भारत सरकार की ग्राउंड वॉटर क्वालिटी असेसमेंट रिपोर्ट 2025 में पंजाब के भूजल की स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य के ज़मीनी पानी में भारी प्रदूषण की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में सामने आया है कि मानसून के बाद लिए गए 62.5 प्रतिशत भूजल नमूनों में यूरेनियम की मात्रा सुरक्षित सीमा से अधिक पाई गई है, जो आम लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा है।

25 स्थानों पर पीने योग्य नहीं है पानी
रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब की 25 जगहों पर पानी में खारापन (ईसी) 3000 µS/cm से अधिक दर्ज किया गया है, जिससे यह पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। फाजिल्का जिले के अबोहर में ईसी स्तर 9945 µS/cm तक पहुंच गया है, जो बेहद खतरनाक माना जाता है।

इन गांवों में पानी पीने योग्य नहीं
भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार निम्नलिखित इलाकों में भूजल पीने के लायक नहीं है:

  • फाजिल्का: डांगर खेड़ा, हौज उर्फ गंदर, दाणेवाला सतकोसी, सबूआणा, सोहनगढ़ रत्तेवाला, अबोहर

  • फरीदकोट: बीर चाहल, पक्का, किल्ली, जैतो, सुखवाला, कोटकपूरा

  • मुक्तसर: शेरांवाली/कुत्तियांवाली, कबर वाला, भलाईआणा, लंबी

  • पटियाला: बासमा पेपला, हरी माजरा

  • बठिंडा: रामगढ़ भुंदर

  • फिरोजपुर: मोहकमवाला, घंघाखाला

  • मानसा:आदमके, जोइयां, रायपुर
  • नवांशहर:टौंसा

सारांश: पंजाब के पानी की गुणवत्ता को लेकर आई एक ताज़ा रिपोर्ट ने गंभीर चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट में कई शहरों के पीने के पानी में प्रदूषण और हानिकारक तत्वों की आशंका जताई गई है, जो सेहत के लिए खतरा बन सकते हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने, पानी उबालकर या फिल्टर कर इस्तेमाल करने और प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है। प्रभावित इलाकों में रहने वालों को खास एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।

Bharat Baani Bureau

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