कहा, ‘स्टेट फोकस पेपर’ पंजाब की ग्रामीण आर्थिकता की मज़बूती के लिए निवेश को दिशा देने में अहम भूमिका निभाता
चंडीगढ़, 16 फरवरी (भारत बानी) : पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रुरल् डिवैल्पमैंट (नाबार्ड) द्वारा करवाए गये ‘स्टेट क्रेडिट सैमीनार’ के दौरान संस्था का ‘ स्टेट फोकस पेपर’( एस. एफ. पी) 2024-25 जारी किया। एस. एफ. पी. में वित्तीय साल 2024-25 के दौरान पंजाब में प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 243606 करोड़ रुपए की कर्ज़ क्षमता का अनुमान लगाया गया है।
सैमीनार को संबोधन करते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने ज़ोर देते हुये कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार नाबार्ड और अन्य हिस्सेदारों के साथ मिलकर काम करने वचनबद्ध है जिससे राज्य की कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों की पूरी क्षमता को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार निवेश के लिए एक योग्य माहौल बनाने और इन प्रोजेक्टों के लाभ जमीनी स्तर तक पहुँचने को यकीनी बनाने के लिए दृढ़ है।
पंजाब की ग्रामीण आर्थिकता की मज़बूती के लिए निवेश को दिशा देने में ‘स्टेट फोकस पेपर’ की भूमिका पर ज़ोर देते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि ‘स्टेट फोकस पेपर’ निवेश और कर्ज़े के लिए प्राथमिक क्षेत्रों को उजागर करते हुए कृषि और ग्रामीण विकास के लिए राज्य के अंदर मौजूद संभावनाओं का व्यापक मूल्यांकन प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह संतोषजनक बात है कि कुल कर्ज़ योजना में से, कृषि कर्ज़े की संभावना का हिस्सा 118445.86 करोड़ रुपए (48. 62 प्रतिशत) है, जिसमें फ़सली कर्ज़ 69393.35 करोड़ रुपए (28.49 प्रतिशत) और कृषि मियादी कर्ज़ 24526. 61 करोड़ रुपए (19 प्रतिशत) है और इसके साथ ही एम. एस. एम. ई. के लिए कर्ज़ संभावना 80724.34 करोड़ रुपए (33.14प्रतिशत) है।
वित्त मंत्री ने नाबार्ड की तरफ से शुरू से ही पंजाब के विकास में अहम भूमिका निभाने के लिए सराहना की। उन्होंने राज्य में भूजल के स्तर के नीचे जाने पर चिंता ज़ाहिर की और फ़सली विभिन्नता की पहलकदमियों, सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को अपनाने और सम्बन्धित भाईवालों के सहयोग से इस मुद्दे को हल करने की अपील की। उन्होंने सभी भाईवालों को राज्य के बहुपक्षीय विकास के लिए ‘स्टेट फोकस पेपर’ से नेतृत्व लेने का न्योता दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि ‘स्टेट फोकस पेपर’ बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं की प्राथमिकताओं को राज्य के विकास लक्ष्यों के साथ जोड़ कर मुख्य क्षेत्रों की तरफ दिशा देने में मदद करेगा।
इस दौरान वित्त मंत्री ने किसान उत्पादक संगठनों (एफ. पी. ओज़), स्वयं-सहायता समूह (एस. एच. जी), संयुक्त देनदारी समूहों (जे. एल. जी) और बैंकों को उनके सम्बन्धित क्षेत्रों में शानदार कारगुज़ारी के लिए सम्मानित किया। इस मौके पर लगाई गई प्रदर्शनी में वित्त मंत्री ने नाबार्ड की अलग-अलग स्कीमों के लाभार्थियों के साथ बातचीत की और उनके यत्नों की सराहना की।
इससे पहले, सैमीनार को संबोधन करते हुये नाबार्ड पंजाब के क्षेत्रीय दफ़्तर के मुख्य जनरल मैनेजर रघुनाथ बी. ने पंजाब के ग्रामीण विकास को तेज करने के लिए स्रोतों और महारत को सही दिशा देने में नाबार्ड की भूमिका का जिक्र करते हुये राज्य के विकास के यत्नों के लिए संस्था के निरंतर समर्थन की वचनबद्धता को दोहराया।
सैमीनार में सचिव वित्त दीपरवा लाकरा, एम. डी., पंजाब राज कापरेटिव बैंक दविन्दर सिंह, उप कुलपति गुरू अंगद देव वेटनरी सायंसिज़ यूनिवर्सिटी डा. इन्द्रजीत सिंह, वी. सी., गडवासू, डी. जी. एम, आर. बी. आई. चंडीगढ़ सविता वर्मा, चेयरमैन, पंजाब ग्रामीण बैंक जी. के. नेगी, और सम्बन्धित विभागों, बैंकों, कृषि यूनिवर्सिटियों के अन्य प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।