चंडीगढ़, 21 फरवरी (भारत बानी) : राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाई गई मुहिम के दौरान पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा अमरपुरा, लुधियाना शहर निवासी अमरदीप सिंह बांगड़, जो जगजीत नगर, लुधियाना में अपना दफ़्तर चला रहा है, को नगर निगम लुधियाना के अधिकारियों के नाम पर 30,000 रुपए की रिश्वत लेने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया गया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए राज्य विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त मुलजिम को प्रीत नगर शिमलापुरी, लुधियाना के निवासी नरेश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाईन में दर्ज करवाई गई ऑनलाइन शिकायत के आधार पर गिरफ़्तार किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में दोष लगाया है कि दोषी अमरदीप सिंह बांगड़ ने नगर निगम लुधियाना से एतराज़हीनता सर्टिफिकेट (एन.ओ.सी.) जारी करवाने के बदले उससे 30,000 रुपए की रिश्वत ली थी।
प्रवक्ता ने बताया कि इस शिकायत की पड़ताल के दौरान पाया गया कि शिकायतकर्ता के पिता मदन लाल ने साल 2022 में मकान खरीदा था और उसे उक्त मकान को आगे बेचने के लिए एन.ओ.सी. की ज़रूरत थी। शिकायतकर्ता ने यह भी दोष लगाया है कि अमरदीप सिंह बांगड़ ने दावा किया था कि वह गिल गाँव के पटवारखाने (राजस्व दफ़्तर) में काम करता है और वह 30,000 रुपए की रिश्वत देकर जल्द एन.ओ.सी. जारी करवा सकता है क्योंकि वह नगर निगम लुधियाना के अधिकारियों/कर्मचारियों को जानता है। उसके भरोसे पर शिकायतकर्ता ने 30,000 रुपए अमरदीप सिंह बांगड़ को अपने दोस्त ओम प्रकाश की मौजूदगी में उसके दफ़्तर में दे दिए। एन.ओ.सी जारी करवाने में असफल रहने पर दोषी अमरदीप सिंह बांगड़ ने शिकायतकर्ता को 40,000 रुपए का चैक दिया और 40,000 रुपए निकलवाने के बाद उसको 10,000 रुपए वापस करने के लिए कहा। परन्तु दस्तखत मेल न होने के कारण यह चैक पास नहीं हो सका।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि जाँच के दौरान शिकायतकर्ता द्वारा अमरदीप सिंह बांगड़ के खि़लाफ़ लगाए गए दोष सही पाए गए। इस सम्बन्धी अमरदीप सिंह बांगड़ के खि़लाफ़ थाना विजीलैंस ब्यूरो रेंज लुधियाना में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7-ए और आइपीसी की धारा 420 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करके उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है और नगर निगम के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।