कुलपति ने किसान मेले में प्राकृतिक खेती अपनाने की दी सलाह
चण्डीगढ, 10 मार्च (भारत बानी) : कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी आर कांबोज ने कहा कि रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों को रोकना के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाने के साथ फसल विविधीकरण पर भी अपना फोकस रखना होगा। इन तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद किसान अपनी आय में इजाफा करने के साथ साथ मनुष्य के जीवन को स्वस्थ बनाने में अपना अहम योगदान दे सकते है।
कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज रविवार को कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती विषय पर आयोजित किसान मेले में बोल रहे थे।
कुलपति ने कहा कि किसान जीवामृत, घनजीवामृत एवं प्राकृतिक खेती के अन्य घटकों का उपयोग करके मिट्टी की उर्वरा ताकत बढ़ाएं। इसके अलावा किसान फसल विविधीकरण तथा एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर भी आय बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि किसान को शुरुआती समय में प्राकृतिक कृषि में कम उपज मिलती हैं लेकिन किसान प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग लेकर अगर अच्छे तरीके से वैज्ञानिक ढंग के साथ खेती करते हैं तो इस समस्या से भी निजात पाया जा सकता हैं। प्राकृतिक खेती आने वाले समय की माँग है किसानों को इसे अपनाने के लिए आगे आना चाहिए।