पंजाब में निजी कंपनियों द्वारा साइलो खोलने और मंडियों की विफलता का कड़ा विरोध किया जाएगा
8 अप्रैल को चंडीगढ़ में विशाल रैली होगी और 21 मई को जगराओं में महा पंचायत होगी
जालंधर, 29 मार्च (भारत बानी) – संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) पंजाब ने आज एक बैठक में केंद्र की पंजाब सरकार के दबाव में पंजाब के 9 कॉर्पोरेट घरानों को 26 मंडियों के तहत खरीद केंद्रों में 9 साइलो खोलने की दी गई मंजूरी पर गंभीरता से विचार किया और यह घोषणा की कि पंजाब में निजी कंपनियों द्वारा साइलो खोलने और बाजारों की विफलता का कड़ा विरोध किया जाएगा।
एसकेएम पंजाब में शामिल संगठनों की बैठक आज देश भगत मेमोरियल हॉल जालंधर में हुई जिसकी अध्यक्षता बूटा सिंह बुर्ज गिल, कंवलप्रीत सिंह पन्नू और संदीप अरोड़ा ने की। नेताओं ने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किसानों ने 730 शहादतें दीं और 13 महीने दिल्ली और एसकेएम की सीमाओं पर बिताए। एसकेएम के नेतृत्व में संघर्ष किया, लेकिन उन्होंने पंजाब में काले कानून लागू करने का रास्ता अख्तियार कर लिया है। जब किसान अपनी फसल सीधे साइलो में ले जाने लगेंगे तो सरकारी मंडियों में अनाज की आवक कम हो जाएगी। इस तरह, बाज़ारों को विफल बना दिया जाएगा और अंततः किसानों को बंद कर दिया जाएगा और इन कॉर्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब की बहादुर जनता इस धक्केशाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। इस कदम का विरोध करने के लिए 8 अप्रैल को मोहाली में एसकेएम पंजाब की ओर से विशाल रैली और प्रदर्शन किया जाएगा। इसकी तैयारियां आज से ही शुरू कर दी गई हैं।
इसके अलावा आठ अप्रैल को शहीद भगत सिंह हूरों ने अंग्रेजी बोलने वालों को अपनी बात सुनाने के लिए असेंबली में बम गिराया था, उसी दिन बाजारों के निजीकरण के इस कदम के विरोध में अगले कार्यक्रम की भी घोषणा की जाएगी।
इस बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसान, मजदूर और जनविरोधी है, जिसका अनुमोदन करते हुए 19 दिसंबर को दिल्ली के राम लीला मैदान में आयोजित किसान-मजदूर महा पंचायत किसानों और महिलाओं को भी सड़कों पर परेशान किया गया, रेलवे स्टेशनों पर परेशान किया गया और किसानों को दिल्ली जाने से रोका गया। उसी के मद्देनजर 21 मई को जगराओं में ‘मोदी हराओ, कॉरपोरेट भगाओ, देश बचाओ’ नारे के तहत एक विशाल किसान रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें किसानों की कर्ज मुक्ति, संघीय ढांचे की रक्षा और पंजाब के मुद्दे उठाये जाएंगे।
इस बैठक में प्रधान के अलावा हरिंदर सिंह लाखोवाल, बलवीर सिंह राजेवाल, सतनाम सिंह अजनाला, कुलदीप सिंह बजिदपुर, बोघ सिंह मानसा, राजविंदर कौर राजू, बूटा सिंह शादीपुर, बलविंदर सिंह मल्ली नंगल, गुरनाम सिंह भीखी, हरबंस सिंह संघा शामिल थे। अंग्रेज सिंह मोहाली, प्रेम सिंह भंगू, बेअंत सिंह मेहमा सरजा, रूप बसंत सिंह, राज गुरविंदर सिंह घुमन, रणजीत सिंह बाजवा और रघवीर सिंह मिहारवाला भी मौजूद थे।