20 मई 2024 : पिछले कुछ दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए शहर के सभी स्कूलों का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक कर दिया गया है. वहीं, शाम की पाली में नर्सरी से दूसरी कक्षा तक के स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं. स्कूलों में तीन बार जल घंटी बजेगी, ताकि बच्चे पानी पीते रहें। सुबह की प्रार्थना सभा से लेकर अन्य गतिविधियां भी बंद कर दी गई हैं. शाम की पाली में चलने वाले स्कूलों में स्कूल प्रशासन सुबह नर्सरी से कक्षा 2 तक की छुट्टियां लेकर कक्षा 3 से 5वीं तक के बच्चों को बैठाएगा या फिर ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक शाम की पाली के शिक्षकों को भी सुबह की पाली में आना होगा. गर्मी के कारण इस बार सरकारी स्कूलों में 23 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं। डबल शिफ्ट में चलने वाले 20 सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। डबल शिफ्ट और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों की छुट्टियां 20 मई से शुरू हो रही हैं। वहीं तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चों की कक्षाएं सुबह की पाली में समायोजित की जाएं. यदि यह संभव नहीं है तो ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करनी होंगी। दोपहर की पाली में काम करने वाले शिक्षकों को सुबह की पाली के अनुसार ही स्कूल आना होगा.
बस रूट ऐसे बनाएं कि बच्चा कम समय में घर पहुंच जाए।
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के निदेशक हरसुहिंदरपाल सिंह बराड़ ने आदेश दिया है कि ये आदेश 20 मई यानी सोमवार से सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर लागू होंगे। स्कूल सुबह 7 बजे से पहले नहीं खुलेंगे और दोपहर 12 बजे बंद कर दिए जाएंगे. वहीं, शिक्षकों को सुबह 7:15 बजे आना होगा और दोपहर 1:15 बजे तक स्कूल में रहना होगा. स्कूल प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बस मार्गों की योजना इस तरह बनाई जाए कि बच्चे कम से कम समय में घर पहुंच सकें। बच्चों को खड़ी स्कूल बसों और वैन में ज्यादा देर तक नहीं बैठाना चाहिए। इस दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। स्कूल बसों और वैन को छायादार स्थान पर खड़ा करना होगा। बसों और वैन में पीने का पानी और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध होनी चाहिए।
पर्दे एवं चिक्स लगाने के निर्देश
स्कूलों में सभी पंखे चालू होने चाहिए। इसके अलावा कमरे में सीधी धूप को आने से रोकने के लिए पर्दों और ब्लाइंड्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। स्कूलों में हल्के तापघात के उपचार के लिए ओ.आर.एस. सोलूगोन, नमक एवं चीनी के पाउच परिसर में ही उपलब्ध होने चाहिए। स्कूलों को लू लगने की स्थिति में नजदीकी अस्पताल और डॉक्टर के संपर्क में रहना होगा। स्कूल में एसेंजेल मेडिकल किट उपलब्ध होनी चाहिए। गर्मियों में खाना जल्दी खराब हो जाता है, इसलिए मध्याह्न भोजन ताजा बनाकर ही परोसना चाहिए। भोजन परोसने से पहले प्रभारी व शिक्षक को जांच करनी होगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि कैंटीन में भी ताजा और स्वस्थ भोजन परोसा जाए।