28 मई (दिल्ली) :एक अध्ययन के अनुसार, हृदय रोग (सीवीडी) की रोकथाम के लिए उपचार की पहली पंक्ति के रूप में स्टैटिन थेरेपी का उपयोग हृदय रोग के जोखिम और सभी कारणों से मृत्यु दर को रोकने में प्रभावी पाया गया, यहां तक कि 85 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में भी।
स्टैटिन रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए जाने जाते हैं, जिससे सीवीडी का खतरा कम हो जाता है।
हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि पहले, 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वयस्कों में हृदय रोग की प्राथमिक रोकथाम के लिए स्टैटिन के उपयोग पर आम सहमति यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षणों में जनसंख्या के उचित प्रतिनिधित्व की कमी के कारण कम थी।
एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में 60 वर्ष से अधिक उम्र के उन वयस्क रोगियों को शामिल किया गया, जिनमें पहले से सीवीडी का निदान नहीं हुआ था।
औसत अनुवर्ती 5.3 वर्ष था।
75 से 84 वर्ष की आयु के 42,680 वयस्कों में से 9,676 में सीवीडी विकसित हुआ। 85 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 5,390 वयस्कों में से 1,600 में सीवीडी विकसित हुआ।
शोधकर्ताओं ने कहा कि परिणामों से पता चला है कि सभी आयु समूहों में, स्टेटिन थेरेपी शुरू करने से सीवीडी और सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर में कमी आई है।
उन्होंने आगे कहा, “यह 85 वर्ष या उससे अधिक उम्र की बुजुर्ग आबादी में भी देखा गया।”
नए अध्ययन से पता चला है कि स्टैटिन के उपयोग से मायोपैथी और लीवर डिसफंक्शन जैसी प्रतिकूल घटनाओं का खतरा नहीं बढ़ता है।
शोधकर्ताओं ने आहार और शारीरिक गतिविधि जैसे जीवन शैली कारकों जैसे अनमापे गए कन्फ़्यूडर जैसी सीमाओं को भी स्वीकार किया।