31 मई: गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कई शहरों का टेंपरेचर 49 डिग्री से ज़्यादा है, तो राजस्थान के चुरू में पारा 50 डिग्री पार कर गया है। बस यू समझ लीजिए कि दिन में आग बरस रही है। गर्मी के कारण वॉमिट, डायरिया, बुखार, डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक के मरीज़ों की तो अस्पतालों में ऐसी भीड़ है कि पैर रखने तक की जगह नहीं। सांस के मरीज़ों के लिए भी एक्स्ट्रीम वेदर आफत भरा होता है। धूल भरी आंधी, गर्म हवा से रेस्पिरेट्री ट्रैक में सूजन-इंफेक्शन हो जाता है। खासकर अस्थमा के मरीज़ों को तो बहुत अहतियात के साथ बाहर निकलने की ज़रूरत है।
Asthamatics पर तो एक लेटेस्ट स्टडी भी आई है। जिसके मुताबिक दुनिया में 70% मरीज़ ऐसे हैं, जिन्हें अपनी बीमारी का पता ही नहीं है। बीमारी की पहचान ना हो पाने की वजह से ही भारत में हर साल 2 लाख लोग जान गंवा देते हैं। दुनिया में दमा से होने वाली कुल मौत में लगभग आधी भारत में होती हैं। असल में दिक्कत ये भी है कि पॉल्यूशन की वजह से जो नाक से पानी आता है, छींके आती हैं। उसे लोग एलर्जी समझ लेते हैं। इसी चक्कर में वक्त पर इलाज ना मिलने से ये बीमारी घातक रूप ले लेती है। अस्थमा ही नहीं सांस की हर बीमारी के लक्षण और निदान स्वामी रामदेव से जानते हैं।
गर्म मौसम सांसों की दुश्मन
- हवा के ज़रिए धूल की शरीर में एंट्री
- रेस्पिरेट्री ट्रैक में सूजन- इंफेक्शन
- सांस लेने में तकलीफ
- अस्थमा-COPD के मरीज़ों को दिक्कत
हवा के ज़रिए धूल की शरीर में एंट्री
- रेस्पिरेट्री ट्रैक में सूजन- इंफेक्शन
- सांस लेने में तकलीफ
- अस्थमा-COPD के मरीज़ों को दिक्कत
अस्थमा के लक्षण
- सांस लेने में दिक्क्त
- घरघराहट
- लगातार खाँसना
- सीने में जकड़न
- एनर्जी की कमी
- बार-बार खांसी आना
- देर तक खांसी होना
- ब्रीदिंग में सीटी जैसी आवाज
- चेस्ट में जकड़न-भारीपन
- सांस फूलना
अस्थमा की परेशानी सांसों पर इमरजेंसी
- मौसम बदलना
- एलर्जी
- हॉर्मोनल चेंज
- ज्यादा टेंशन
- प्रदूषण
अस्थमा में आराम
- गुनगुना पानी पीएं
- भरपूर नींद लें
- गिलोय का काढ़ा पीएं
- तुलसी के पत्ते चबाएं
- अनुलोम-विलोम करें