30 जुलाई 2024 : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में छिड़े खूनी संघर्ष में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग घायल हैं. कुर्रम जिले में दो कबीलों के बीच शुरू हुई लड़ाई अब शिया बनाम सुन्नी की बन चुकी है और आसपास के इलाकों तक फैल गई है. अकेले 28 जुलाई की रात हिंसक झड़पों में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई. अब तक जान गंवाने वालों में 35 शिया समुदाय के हैं, जबकि 8 सुन्नी हैं.
क्यों शुरू हुई खूनी लड़ाई?
लड़ाई की शुरुआत कुर्रम के मुख्यालय पाड़ा चिनार के बाहरी इलााके बूशहरा ख़ैबर से हुई. यहां जमीन के एक टुकड़े के लिए दो कबीलों के बीच कई दशकों से संघर्ष चल रहा है. 100 कनाल जमीन के लिए गुलाब मिल्ली खेल और मदकी कले नाम के कबीले सालों से लड़ते आ रहे हैं. इस बार भी यही दोनों कबीले आमने-सामने हैं. इनमें से गुलाब मिल्ली खेल शिया समुदाय से ताल्लुक रखता है, तो मदकी कले सुन्नी समुदाय का संगठन है.
पिछले साल भी खूनी लड़ाई
यह पहला मौका नहीं है जब इस जमीन के टुकड़े को लेकर खूनी संघर्ष हो रहा है. पिछले साल भी सशस्त्र संघर्ष हुआ, जिसमें दोनों तरफ के कम से कम आधा दर्जन लोगों की जान गई थी. उस वक्त एक शांति समझौता, जिसमें तय किया गया की जमीन का फैसला ‘लैंड कमीशन’, राजस्व विभाग का कागज देखकर करेगा और इसे सबको मानना पड़ेगा.
वो समझौता जिससे इस बार विवाद
लैंड कमीशन ने दस्तावेजों के आधार पर फैसला दिया कि जमीन का स्वामित्व गुलाब मिल्ली खेल कबीले के पास रहेगा. हालांकि उस वक्त एक और लिखित समझौता हुआ, जिसमें तय किया गया कि मिल्ली खेल इस जमीन का अगले एक साल तक खुद इस्तेमाल नहीं करेगा. तय हुआ कि साल भर तक इस जमीन का इस्तेमाल एक तीसरा कबीला करेगा और इसका लगान गुलाब मिली खेल को देगा. साल भर बाद गुलाब मिल्ली खेल जिसको चाहेगा, उसे यह जमीन ठेके पर दे सकता है या खुद इस्तेमाल कर सकता है.
इस समझौते के मुताबिक गुलाब मिल्ली खेल, तीसरे पक्ष से जमीन इस्तेमाल करने के बदले साल भर तक लगान लेता रहा. साल भर बाद जब जमीन खाली करने की बारी आई तो झगड़ा शुरू हो गया और एक बार फिर दोनों कबीले आमने-सामने आग गए.
कैसे दो कबीलों का विवाद शिया-सुन्नी का बना
अब यह लड़ाई दो कबीले से कहीं आगे बढ़कर शिया और सुन्नी की हो गई है. मदगी कले कबीले का आरोप है कि गुलाब मिल्ली खेल ने मामले को बढ़ाने के लिए बुशहरा में स्थित एक दूसरे गांव पर हमला कर दिया. जिसके बाद अहले सुन्नत के लोग आक्रोशित हो गए. दूसरी तरफ, गुलाब मिल्ली खेल कबीले का आरोप है कि मदगी कले ने मामले को सांप्रदायिक रंग देकर अहले सुन्नत को अपनी मदद के लिए बुलाया. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक बुशहरा जिस पाड़ा चिनार के बाहरी इलाके में स्थित है, उसके आसपास अहले सुन्नत की आबादी बहुत ज्यादा है. अब उन्होंने पाड़ा चिनार वाले इलाकों में हमले शुरू कर दिए हैं.