नई दिल्ली 18 सितम्बर 2024 . क्‍या आपको शक है क‍ि आपकी पत्‍नी आपको धोखा दे रही है… या फ‍िर बॉयफ्रेंड की ज‍िंंदगी में कोई और लड़की भी है. लोगों की ज‍िंंदगी के ऐसे ही मसलों की जासूसी करने वाले 3 जासूसों को द‍िल्‍ली पुल‍िस ने अरेस्‍ट कर ल‍िया है. असल में यह जसूसी के नाम पर ये 3 जासूस मोबाइल फोन की कॉल ड‍िटेल न‍िकलकर उसे प्रोफ‍िट में बेच रहे थे.

पुल‍िस ने बताया है क‍ि ये तीनों जासूस के कस्‍टमर्स में ऐसे लोग शाम‍िल थे ज‍िन्हें अपने जीवनसाथी पर बेवफाई का शक था और ऐसे ब‍िजनेसमैन जो अपने कंपीटीटर की जासूसी करना चाहते थे. पुल‍िस ने बताया है क‍ि ग‍िरोह के 2 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान तरुण विंसेंट डेनियल और हर्ष कुमार के रूप में हुई है, जबकि तीसरे व्यक्ति संजय कुमार से पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा कि तीनों प्राइवेट ड‍िटेक्‍ट‍िव हैं.

कॉल ड‍िटेल म‍िलने के बाद क्‍या करते थे जासूस?
डीसीपी क्राइम राकेश पावरिया ने कहा क‍ि जासूसी के नाम पर इस गिरोह ने धोखाधड़ी के जर‍िए अपने 100 से ज्‍यादा कस्‍टमर के मोबाइल फोन के सीडीआर और लोकेशन हास‍िल कर ल‍िए. इसके बाद उन्‍हें अपने कस्‍टमर्स को बेच द‍िया. आख‍िर इनको कैसे ये डेटा म‍िला उसकी जांच द‍िल्‍ली पुल‍िस कर रही है. डीसीपी ने कहा कि क्राइम ब्रांच ने हाल ही में इस क्राइम और डेनियल के बारे में जानकारी के बारे में एक टिप मिली थी.

कैसे पकड़ में आए जासूस
पुल‍िस ने बताया क‍ि एक फर्जी कस्‍टमर बनकर पुल‍िसकर्मी ने डेनियल से संपर्क किया और एक मोबाइल नंबर का सीडीआर हास‍िल करने में उसकी मदद मांगी. डेनियल ने इसके बदले 60000 रुपये मांगे. कस्‍टमर यानी द‍िल्‍ली पुल‍िस ने टोकन मनी के तौर पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए 29000 रुपये पहले दे द‍िए. जब डेनियल ने व्हाट्सएप के जरिए ज‍िस नंबर का सीडीआर मांगा था वो भेज द‍िया. इसके बाद डेनियल ने बाकी रकम देने के ल‍िए द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन पर मिलने के लिए कहा, जहां से उसे पिछले हफ्ते पकड़ा गया.

कैसे हुआ ग‍िरोह का खुलासा?
क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया और डेनियल को गिरफ़्तार कर लिया गया. उससे पूछताछ में हर्ष का पता चला. पूछताछ के दौरान दोनों ने 100 से ज़्यादा मोबाइल फोन ग्राहकों के सीडीआर और लोकेशन हासिल करने की बात कबूल की. ​​उन्होंने एक अन्य सदस्य संजय कुमार का नाम बताया. पुल‍िस का कहना है क‍ि हम उससे पूछताछ कर रहे हैं ताकि पता चल सके कि उन्होंने किस सोर्स से ये डेटा हास‍िल क‍िया है.

Bharat Baani Bureau

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *