नई दिल्ली 08 अक्टूबर 2024 . एक्टिंग की दुनिया के दिग्गज अभिनेता अरविंद त्रिवेदी आज भले ही हमारे बीच मौजूद न हों, लेकिन रामानंद सागर की ‘रामायण’ में उनका निभाया गया किरदार लोग आज भी नहीं भूला पाए हैं. अपने इस नेगेटिव रोल की वजह से एक बार उन्हें मंदिर तक में दर्शन करने से रोक दिया गया था.
‘रामायण’ में ‘रावण’ बन अरविंद त्रिवेदी ने हर घर में अलग पहचान बनाई थी. गुजरात से जब वह मुंबई आए थे, उस वक्त इस किरदार के लिए अमरीश पुरी को कास्ट करने क चर्चा हो रही थी. लेकिन ये रोल अरविंद को मिला. बहुत कम लोग जानते हैं कि इस किरदार के लिए वह पहली पसंद नहीं थे. तो चलिए आज बताते हैं कि आखिर उन्हें ये किरदार मिला कैसे.
इमेज के चलते पुजारी ने नहीं करने दिए थे दर्शन
अरविंद त्रिवेदी रावण का किरदार निभाकर घर-घर अपनी पहचान बना चुके थे. एक बार वह अयोध्या के हनुमानगढ़ी में संकटमोचन हनुमानजी के दर्शन करने गए तो उस समय मौजूद प्रमुख पुजारी ने उन्हें अंदर आने से मना कर दिया था. इस सीरियल में राम के लिए अरविंद के अपशब्दों से इतने नाराज थे कि भूल गए कि वह तो सिर्फ अपना किरदार निभा रहे थे. अरविंद ने दर्शन के लिए बहुत प्रार्थना की, समझाया लेकिन पुजारी अड़े रहे और बिना दर्शन किए ही अरविंद को लौटना पड़ा था
अमर कर दिया था लंकेश का किरदार
रामानंद सागर के सीरियल रामायण में अरविंद त्रिवेदी ने रावण के किरदार से खूब शोहरत हासिल की. लंकाधिपति रावण यानी लंकेश, का किरदार उनकी वजह से आज भी हमारी आंखों के सामने आ जाता है. वैसे तो कई अन्य एक्टरों ने भी टीवी शो और फिल्मों में ‘रावण’ का अभिनय किया, लेकिन जो बात अरविंद में थी, वो किसी और में नहीं. उन्होंने नकारात्मक छवि को पर्दे पर जीवंत कर दिया था. बहुत कम लोग जानते हैं कि ‘रावण’ के किरदार के लिए अरविंद त्रिवेदी शो के डायरेक्टर रामानंद सागर की पहली पसंद नहीं थे. जी हां, इस किरदार के लिए पहले अमरीश पुरी को कास्ट करने के बारे में सोचा था. बाद में डायरेक्टर उनका ऑडिशन देख इतने इम्प्रेस हुए कि झटपट उन्हें इस रोल में कास्ट कर लिया गया.
बता दें कि गुजराती रंगमंच से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अरविंद त्रिवेदी को दूरदर्शन पर 1986 में शुरू हुए रामायण सीरियल ने देश और दुनिया भर के टीवी दर्शकों का चहेता बना दिया. हालांकि, असल जिंदगी में वो भी राम भक्त थे. मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्मे इस एक्टर को शूटिंग के वक्त कई दफा भगवान राम को अपशब्द कहने पड़ते थे. ऐसे में उन्हें थोड़ा मानसिक तनाव भी होता था, इसके लिए वो भगवान राम से रोज माफी भी मांगते थे इन बातों का खुलासा, उन्होंने कई टीवी इंटरव्यू में खुद किया था.