नई दिल्‍ली. धनतेरस और दिवाली का त्‍योहार नजदीक आ रहा है. ग्राहकों में उत्‍साह और बाजार में तैयारियां भी जोरों पर हैं. हर साल की तरह इस बार भी धनतेरस पर सोने और ज्‍वैलरी की जमकर खरीदारी होने की संभावना है. अगर आप भी पत्‍नी या परिवार वालों को गहने दिलाने जा रहे तो एक पर्ची में कुछ नंबर लिखकर रख लीजिए. ये नंबर आपको सुनार की दुकान पर हेराफेरी से बचाएंगे.

धनतेरस पर दिल्‍ली-मुंबई जैसे मेट्रो शहरों के अलावा देश के हर छोटे-बड़े शहर में सोने के गहनों की जमकर खरीदारी होती है. जाहिर है कि इस त्‍योहारी सीजन का फायदा उठाने के लिए कई दुकानदार हेराफेरी भी करते हैं. ऐसी शिकायतें अक्‍सर आती हैं कि सुनार ने 22 कैरेट की जूलरी बताकर 18 कैरेट वाली पकड़ा दी. अब आप तो जानते ही हैं कि 18 और 22 कैरेट वाले सोने की कीमत में हजारों रुपये का अंतर होता है. लिहाजा इस हेराफेरी से दुकानदार की चांदी हो जाती है, लेकिन ग्राहक को न सिर्फ पैसों का नुकसान होता है, बल्कि उसे खराब क्‍वालिटी की जूलरी भी ले जाना पड़ता है.

क्‍या है जूलरी के शुद्धता की पहचान
सरकार ने कुछ साल पहले ही सोने के सभी आभूषणों पर हॉलमार्क अनिवार्य कर दिया है. अब चाहे
बड़े शहर के सुनार हों या गांव कस्‍बे में दुकान खोलकर बैठे ज्‍वैलर्स. हर किसी को हॉलमार्क वाली जूलरी ही बेचनी पड़ेगी. सोने के सभी आभूषणों पर तीन तरह के मार्क होते हैं, जो उसकी शुद्धता की गारंटी देते हैं. इस पर ब्‍यूरो ऑफ इंडियन स्‍टैंडर्ड (BIS) का तिकोना लोगो, 6 अंकों का हॉलमार्क यूनिक आइ‍डेंटिफिकेशन (HUID) कोर्ड और कैरेट की जानकारी देने वाले नंबर. इसी नंबर में हेरफेर कर सुनार ग्राहकों को ठग लेते हैं.

पर्ची पर लिखकर ले जाएंगे ये नंबर
जब आप सोने के गहने खरीदने निकले हैं तो इन नंबरों को एक पर्ची पर लिखकर रख लीजिए. दरअसल, गहनों पर 22 या 24 कैरेट नहीं लिखा होता, बल्कि कुछ नंबर लिखे होते हैं, जो इन कैरेट के बारे में बताते हैं. आम आदमी को इन नंबरों की जानकारी नहीं होती और इसी का फायदा सुनार उठाते हैं. लिहाजा आप इन नंबरों को खुद मोबाइल या पर्ची में लिखकर रख लीजिए और गहने खरीदते समय इन नंबरों की जांच कीजिए. 24 कैरेट सोने पर 999 लिखा होता है, तो 23 कैरेट वाले पर 958. इसी तरह, 22 कैरेट का सोना है तो 916 और 21 कैरेट है तो 875 लिखा रहेगा, जबकि 18 कैरेट के सोने पर 750 लिखा होता है.

ऐप पर चेक करें हॉलमार्क
जब आप ज्‍वैलरी खरीद रहे तो हैं तो उसका भुगतान करने से पहले हॉलमार्क को ठीक से चेक करना चाहिए. इस पर न तो कोई खरोच या धब्‍बा होना चाहिए और न ही इसका रंग, चमक ज्‍वैलरी से अलग होना चाहिए. इस बात को आप ठीक से चेक करके ही भुगतान करें. हॉलमार्क असली या नकली इसकी पहचान आप BIS केयर ऐप से कर सकते हैं, जो गूगल प्‍ले स्‍टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इस ऐप में यूएचआईडी नंबर डालते ही उस ज्‍वैलरी की डिटेल आ जाएगी. अगर डिटेल नहीं आ रही तो समझ लीजिए कि हॉलमार्क नंबर नकली है.

Bharat Baani Bureau

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