4 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) – आजकल लोग पहले की तुलना में मोबाइल फोन और डिजिटल गैजेट्स का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे आंखों पर गंभीर असर पड़ रहा है। क्या आपने कभी सोचा है कि डायबिटीज का आंखों पर भी प्रभाव पड़ सकता है? डायबिटीज के कारण रेटिना (आंख की प्रकाश-संवेदनशील परत) की छोटी रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो सकती हैं। समय के साथ, उच्च रक्त शुगर इन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे दृष्टि पर खतरा हो सकता है। डॉ. चित्रा एस, कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, रामैया मेमोरियल हॉस्पिटल, बेंगलुरु के अनुसार, “डायबिटीज का प्रभाव शुरुआती दौर में हल्का हो सकता है, लेकिन नियमित जांच और सही प्रबंधन से गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है। नियमित आंखों की जांच से लंबे समय तक दृष्टि हानि को टाला जा सकता है।”
डायबिटीज से आंखों पर होने वाले प्रभाव:
- रेटिनोपैथी: उच्च रक्त शुगर रेटिना की रक्त वाहिकाओं को कमजोर कर देता है, जिससे धुंधली दृष्टि, रात में देखने में समस्या या इलाज न होने पर पूरी दृष्टि खोने का खतरा हो सकता है।
- डायबिटिक मैक्युलर एडीमा (DME): रेटिना के केंद्रीय हिस्से में तरल भरने से यह समस्या उत्पन्न होती है, जिससे पढ़ने और चेहरों को पहचानने में मुश्किल हो सकती है। इलाज न होने पर यह स्थिति बिगड़ सकती है।
- कैटरेक्ट (Cataracts): डायबिटीज से पीड़ित लोगों में मोतियाबिंद होने का खतरा अधिक होता है और यह बिना डायबिटीज वाले लोगों की तुलना में जल्दी विकसित हो सकता है।
- ग्लूकोमा: डायबिटीज के कारण आंखों के दबाव में वृद्धि होती है, जिससे ऑप्टिक नर्व को नुकसान हो सकता है। सही इलाज न होने पर यह स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकता है।
- धुंधली या अचानक दृष्टि में बदलाव: ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव के कारण आंखों के फोकस पर असर पड़ता है, जिससे यह समस्या उत्पन्न होती है।
नियमित आंखों की जांच क्यों जरूरी है? डायबिटिक रेटिनोपैथी या मैक्युलर एडीमा जैसी समस्याओं के शुरुआती लक्षण अक्सर दिखाई नहीं देते हैं। नियमित जांच से इन समस्याओं का समय रहते पता लगाया जा सकता है। डॉ. चित्रा एस कहती हैं, “इन स्थितियों का इलाज लेजर थेरेपी या इंजेक्शन से किया जा सकता है, और शुरुआत में इलाज करने से दृष्टि को बचाया जा सकता है और जटिलताओं को रोका जा सकता है।”
स्वस्थ आंखों के लिए सुझाव:
- ब्लड शुगर कंट्रोल करें: सामान्य स्तर पर ब्लड शुगर बनाए रखना आंखों को सुरक्षित रखने का सबसे प्रभावी तरीका है।
- ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण: उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन भी आंखों की सेहत के लिए जरूरी है।
- नियमित आंखों की जांच: डायबिटिक जटिलताओं का समय रहते पता लगाने के लिए नियमित जांच करवाएं।
समय रहते कदम उठाएं: अगर जल्दी इलाज किया जाए, तो डायबिटिक रेटिनोपैथी और मैक्युलर एडीमा जैसी स्थितियों को नियंत्रित किया जा सकता है। डॉ. चित्रा कहती हैं, “रोजमर्रा की आदतों और नियमित जांच से आंखों की समस्याओं से बचा जा सकता है और दृष्टि लंबे समय तक सुरक्षित रखी जा सकती है।”
सारांश – डायबिटीज से आंखों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जैसे रेटिनोपैथी, मैक्युलर एडीमा, कैटरेक्ट और ग्लूकोमा। उच्च रक्त शुगर के कारण रेटिना की रक्त वाहिकाएं कमजोर हो सकती हैं, जिससे दृष्टि पर खतरा होता है। डॉ. चित्रा एस के अनुसार, नियमित आंखों की जांच और ब्लड शुगर नियंत्रण से इन समस्याओं को रोका जा सकता है, जिससे दृष्टि लंबे समय तक सुरक्षित रहती है।