सर्दियों में हड्डियों का पुराना दर्द क्यों बढ़ता है? जानें विशेषज्ञ की राय

जैसे ही सर्दी का मौसम आता है, कई लोगों के हाथ-पैरों और जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। जिन लोगों को पहले से हड्डियों की समस्याएं हैं, जैसे ऑस्टियोपोरोसिस या आर्थराइटिस, सर्दियों में उनकी तकलीफ बढ़ जाती है। इसके अलावा, ऐसा भी कहा जाता है कि पुरानी चोटों का दर्द सर्दियों में वापस आ सकता है। इस पर मैक्स हेल्थकेयर के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. संदीप सिंह ने विस्तार से जानकारी दी।

सर्दियों में दर्द क्यों बढ़ता है?

डॉ. सिंह बताते हैं कि सर्दियों में ब्लड वैसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे जोड़ों और मांसपेशियों में स्टीफनेस और हार्डनेस बढ़ने लगती है। ठंड के कारण शरीर का तापमान अंदर बनाए रखने की प्रक्रिया शुरू होती है। बाहरी अंग, जैसे हाथ और पैर, ठंडे होने लगते हैं क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। इसके चलते इन अंगों में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जो दर्द का कारण बनती है।

पुराने दर्द के वापस आने का कारण

डॉ. सिंह के अनुसार, जब हड्डियों या मांसपेशियों में चोट लगती है, तो उस जगह की नसें और मांसपेशियां डैमेज हो जाती हैं। भले ही वह चोट ठीक हो जाए, लेकिन उसकी कुदरती ताकत पूरी तरह वापस नहीं आ पाती। सर्दियों में जब सर्कुलेशन कम होता है, तो यह कमजोर जगह फिर से दर्द करने लगती है। हालांकि, यह समस्या सभी के साथ नहीं होती।

दर्द से बचने के उपाय

  1. ठंड से बचाव करें और शरीर को गर्म रखें।
  2. बहुत ठंडे माहौल में बाहर निकलने से बचें।
  3. जहां दर्द हो, वहां गर्म पानी से सिंकाई करें।
  4. सूजन होने पर नमक वाले गर्म पानी का इस्तेमाल करें।
  5. सर्दियों में गर्म कपड़े पहनें और बर्फीले माहौल से दूर रहें।
  6. घर के अंदर गर्माहट बनाए रखें।

सर्दियों में पुरानी चोट या हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज न करें। दर्द बढ़ने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

9 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) – सर्दियों में हड्डियों का दर्द: कारण और बचाव

सर्दियों में ब्लड वैसल्स सिकुड़ने के कारण जोड़ों और मांसपेशियों में स्टीफनेस बढ़ जाती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस या पुरानी चोटों का दर्द उभर सकता है। ठंड में शरीर बाहरी अंगों तक ब्लड सर्कुलेशन कम करता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी और दर्द होता है। पुरानी चोट वाले हिस्से कमजोर होने के कारण ठंड में दर्द बढ़ सकता है।

बचाव के उपाय:

  • शरीर को गर्म रखें और ठंड से बचें।
  • दर्द वाले हिस्से पर गर्म पानी से सिंकाई करें।
  • सूजन होने पर नमक वाले गर्म पानी का उपयोग करें।
  • अत्यधिक ठंडे माहौल से बचें और डॉक्टर से सलाह लें।

Bharat Baani Bureau

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