नई दिल्ली, 10 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) : ज़ूपी के संस्थापक और सीईओ, दिलशेर मल्ही ने कहा कि भारत में स्टार्टअप्स एक नई क्रांति का हिस्सा बन रहे हैं और देश को तेज़ आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने यह टिप्पणी इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (IIGF) 2024 में की। मल्ही ने बताया कि भारतीय स्टार्टअप्स शिक्षा, स्वास्थ्य, यात्रा और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में समाज को नए अनुभव प्रदान कर रहे हैं।
मल्ही ने कहा, “भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है, जो देश के मजबूत डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे UPI, आधार और मोबाइल नेटवर्क के कारण संभव हुआ है। अब भारत 6G विजन, सेमीकंडक्टर मिशन और एआई मिशन के साथ आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
‘गैमीफिकेशन’ के जरिए वास्तविक समस्याओं का समाधान मल्ही ने “गैमीफिकेशन” के माध्यम से वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने की क्षमता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब स्टार्टअप्स सिर्फ तात्कालिक समाधान (“पेनकिलर”) देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ऐसी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं जो समृद्ध अनुभव (“विटामिन”) देती हैं। “हमें अब GDP (सकल घरेलू उत्पाद) से आगे बढ़कर GWQ (सकल वेलनेस सूचकांक) के आधार पर समृद्धि को मापने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।”
तकनीकी नवाचारों का व्यापक असर मल्ही ने तकनीकी नवाचारों के बहुआयामी प्रभाव के बारे में भी बात की। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे Nvidia ने पहले गेमिंग के लिए चिप्स बनाकर शुरुआत की और अब यह विश्व की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक बन चुकी है। इसी तरह, गेमिंग तकनीक अब शिक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी बदलाव ला रही है।
सारांश – ज़ूपी के संस्थापक और सीईओ दिलशेर मल्ही ने इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (IIGF) 2024 में कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है, जो मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे UPI और आधार की वजह से संभव हुआ है। मल्ही ने “गैमीफिकेशन” के माध्यम से वास्तविक समस्याओं को हल करने की क्षमता पर भी जोर दिया और कहा कि स्टार्टअप्स अब समृद्ध अनुभव देने वाली सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स के वैश्विक प्रभाव की भी बात की, विशेषकर ई-कॉमर्स में जहां भारतीय कंपनियां विदेशी कंपनियों को चुनौती दे रही हैं। IIGF 2024 का आयोजन 9-10 दिसंबर को हुआ, जिसमें भारत के डिजिटल भविष्य और स्टार्टअप्स की भूमिका पर चर्चा की गई।