16 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) – : रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी जो भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हैं। इस साल ब्लूमबर्ग के $100 बिलियन क्लब से बाहर हो गए हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न कारोबारी चुनौतियों के कारण इनकी संपत्ति में कमी आई है।
हालांकि, भारत के कई अन्य अमीरों की संपत्ति में इजाफा हुआ है। ब्लूमबर्ग वेल्थ इंडेक्स के अनुसार, इस साल भारत के 20 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति में कुल $67.3 बिलियन का इजाफा हुआ है। सबसे ज्यादा बढ़त टेक्नोलॉजी क्षेत्र के दिग्गज शिव नादर ने हासिल की है जिनकी संपत्ति $10.8 बिलियन बढ़ी है। वहीं, जिंदल ग्रुप की सावित्री जिंदल की संपत्ति $10.1 बिलियन बढ़ी है।
चुनौतियां और असर
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी, दोनों को कारोबारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे उनकी संपत्ति और कारोबार प्रभावित हो रहे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के एनर्जी और रिटेल सेक्टर में कमजोर प्रदर्शन देखा गया है। बढ़ते कर्ज को लेकर निवेशकों की चिंता से कंपनी पर दबाव बढ़ा है। उनकी संपत्ति जुलाई में $120.8 बिलियन पर थी, लेकिन अब घटकर $96.7 बिलियन (13 दिसंबर तक) रह गई है।
मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी की संपत्ति $100 बिलियन के नीचे गिर गई है, जिसके चलते वे ‘सेंटीबिलियनेयर क्लब’ से बाहर हो गए हैं। यह जानकारी ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स की रिपोर्ट में दी गई है।
गौतम अदाणी पर अमेरिकी जांच का असर
गौतम अदाणी को नवंबर में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा घूसखोरी के आरोपों के बाद जांच का सामना करना पड़ा जिससे उनके समूह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नकारात्मक असर पड़ा। इससे पहले, पिछले साल हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए थे। अदाणी ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनकी कंपनी मजबूत है और सभी नियमों का पालन करती है। उनका कहना है कि हर चुनौती कंपनी को और ताकतवर बनाती है।
अदाणी की संपत्ति में बड़ी गिरावट
2023 में अदाणी की संपत्ति जून में $122.3 बिलियन के शिखर पर पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने हिंडनबर्ग विवाद के बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति को सुधारने के कई कदम उठाए थे। हालांकि, ब्लूमबर्ग के मुताबिक अब उनकी संपत्ति घटकर $82.1 बिलियन रह गई है।
शेयर बाजार पर असर
अमेरिकी जांच के आरोपों के चलते अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। यह प्रभाव 2025 में भी जारी रह सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी की संपत्ति में कमी इन आरोपों और उनके प्रभावों का सीधा नतीजा है। अदाणी ग्रुप ने इन चुनौतियों के बावजूद विश्वास जताया है कि कंपनी इन मुश्किलों से और मजबूत होकर उभरेगी।