तिरुपति 10 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – : आंध्र प्रदेश के तिरुपति में हाल ही में हुई भगदड़ ने सभी को हैरान कर दिया. इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. इस भगदड़ का असली कारण क्या था? क्या यह भगदड़ इतनी बड़ी घटना बन सकती थी? आइए जानते हैं इस घटना के पीछे की चौंकाने वाली बातें. वैकुंठ द्वार दर्शन का महत्व श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक होता है क्योंकि इस दिन श्रीवारी के दर्शन करने से उनके पापों का नाश होने का विश्वास होता है. वैकुंठ एकादशी और द्वादशी के दिन खासतौर पर श्रद्धालु अधिक संख्या में आते हैं. 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में टीटीडी ने अग्रिम टोकन (SSD) जारी करने की तैयारी की थी.
पार्किंग की समस्या और बढ़ती भीड़
बता दें कि 8 तारीख की सुबह से ही टोकन जारी करने वाले केंद्रों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने लगी. अनुमान के मुताबिक, भक्तों को क्यू लाइन में प्रवेश की अनुमति आधी रात से दी जानी थी, लेकिन इससे पहले ही लोग जमा होने लगे. बायरागी पट्टेडा में रामानायडू स्कूल के पास स्थित केंद्रों पर खासतौर पर भारी भीड़ थी. पार्क में भक्तों को भेजा गया, लेकिन पार्क जल्द ही भर गया.
घटना का कारण और पुलिस की कार्रवाई
दोपहर तक भक्तों को क्यू लाइन में प्रवेश नहीं दिया गया और उन्हें पार्क में भेजा गया. इस कारण भगदड़ मच गई. शाम 8:15 बजे, पार्क में एक व्यक्ति की तबीयत बिगड़ गई. डीएसपी स्तर के अधिकारी ने गेट खोलने की कोशिश की, लेकिन भक्तों ने गेट को खोला समझकर अचानक धक्का-मुक्की शुरू कर दी. इस कारण कई लोग गिर गए और दम घुटने से कई गंभीर रूप से घायल हो गए.