24 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ): डोनाल्ड ट्रंप जब से राष्ट्रपति पद की कुर्सी पर बैठे हैं, ताबड़तोड़ नए फैसले ले रहे हैं. कभी कनाडा-मैक्सिको पर टैरिफ तो कभी अवैध इमिग्रेशन पर सख्ती. उन्होंने शपथ लेने के बाद कई एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए. इससे कभी अन्य देशों में खलबली मची तो कभी उनके अपने ही घर में. जी हां, राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने बर्थराइट सिटिजनशिप यानी जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया था. इससे अमरिकियों की नींद उड़ गई. कई अमेरिकियों को नागरिकता जाने का खतरा सताने लगा. आनन-फानन में सभी अदालत पहुंचे. पर अब अमेरिकी अदालत से डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है. अदालत ने बर्थराइट सिटिजनशिप खत्म करने के ऑर्डर पर रोक लगा दी है.
दरअसल, सीऐटल में एक फेडरल जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिसका मकसद जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करना है. जज ने इस कदम को स्पष्ट रूप से असंवैधानिक करार दिया है. अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन कफेनोर ने गुरुवार को एक सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया. जज जॉन कफेनोर ने कहा कि यह आदेश संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई, जब एरिजोना, इलिनोइस, ओरेगन और वाशिंगटन सहित कई राज्यों ने ट्रंप के आदेश को चुनौती दी है. उनका तर्क है कि ट्रंप का जन्मसिद्ध नागरिकता वाला कार्यकारी आदेश गैरकानूनी है.
22 राज्यों ने दी है चुनौती
यह मामला विवादास्पद कार्यकारी आदेश के खिलाफ पहली कानूनी चुनौती है. डोनाल्ड ट्रंप ने इस आदेश पर अपने शपथ ग्रहण के दिन हस्ताक्षर किए थे. इसे 19 फरवरी से लागू किया जाना था. जन्मसिद्ध नागरिकता आदेश के खिलाफ मुकदमे में अमेरिका के 22 राज्य और अप्रवासी अधिकार समूह शामिल हैं. इनमें कई अमेरिकी नागरिकों की गवाही भी शामिल है. इनमें से कुछ 14वें संशोधन की जन्मसिद्ध नागरिकता की गारंटी के तहत पैदा हुए थे.
सारांश:डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी शपथ लेते ही अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी। उनकी घोषणाओं और कदमों से देश में कई सवाल उठने लगे, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें तुरंत कदम रोकने का आदेश दिया। यह स्थिति ट्रंप की कार्यशैली और उनके प्रशासन की दिशा पर नए विवादों और कानूनी मामलों को जन्म देती दिख रही है।