14 फरवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 250 करोड़ रुपये से कम कारोबार करने वाली लघु एवं मझोली दवा इकाइयों को राहत दी है। मंत्रालय ने संशोधित शेड्यूल-एम दिशानिर्देश लागू करने के लिए एक साल की सशर्त छूट देते हुए इसकी अवधि 31 दिसंबर, 2025 तक के लिए बढ़ा दी है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को औषधि नियम, 1945 में संशोधन करते हुए अंतिम अधिसूचना जारी करके छोटी दवा कंपनियों के लिए संशोधित शेड्यूल-एम को लागू करने की समय सीमा बढ़ा दी है। दवा कंपनियों के लिए गुणवत्ता मानक और बेहतर विनिर्माण गतिविधियां (जीएमपी) निर्धारित करने वाले शेड्यूल-एम को स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले वर्ष जनवरी में अधिसूचित किया था। शुरुआत में 250 करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना कारोबार करने वाली बड़ी दवा कंपनियों को इसके पहले संशोधित शेड्यूल-एम लागू करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया गया था, जबकि 250 करोड़ रुपये या इससे कम कारोबार वाली कंपनियों को 12 महीने वक्त दिया गया था।
बहरहाल कुछ एमएसएमई उद्योग निकायों ने दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए 2 साल के विस्तार की मांग की और उन्होंने मशीनरी खरीद में धन की कमी और कर्मचारियों के प्रशिक्षण में चुनौतियों का हवाला देते हुए समय से नियम के अनुपालन में बाधा का हवाला दिया। फेडरेशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स (एफओपीई), आरएसएस से जुड़े लघु उद्योग भारती सहित उद्योग संगठनों और विभिन्न राज्य औषधि विनिर्माण संगठनों ने इसे लागू करने के लिए दिसंबर 2026 तक का वक्त देने का अनुरोध किया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने हिस्सेदारों से राय लेने के लिए मसौदा अधिसूचना जारी किया था।
सारांश:
सरकार ने छोटी दवा कंपनियों को शेड्यूल-एम मानकों को लागू करने के लिए अतिरिक्त समय देने का फैसला किया है। इससे कंपनियों को अपनी उत्पादन गुणवत्ता सुधारने और नए नियमों के अनुरूप ढलने का मौका मिलेगा।