नई दिल्ली/कीव 18 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – : अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच आज बातचीत होने वाली है. इस बातचीत से कुछ घंटे पहले यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उनका देश रूस के साथ बिना किसी शर्त के युद्धविराम चाहता है और अगर रूस इस प्रस्ताव को नहीं मानता तो वे प्रतिरोध के लिए तैयार हैं. सिबिहा ने रायसीना डायलॉग के दौरान फर्स्टपोस्ट की मैनेजिंग एडिटर पालकी शर्मा के साथ खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि यूक्रेन इस साल युद्ध समाप्त करना चाहता है लेकिन कुछ मौलिक मुद्दों पर समझौता नहीं करेगा, जैसे कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता. उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि युद्ध इस साल खत्म हो जाएगा. हम चाहते हैं कि युद्ध इस साल खत्म हो जाए. हम एक दीर्घकालिक शांति चाहते हैं. यूक्रेन अस्थायी युद्धविराम के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन करता है. हम रूस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. वे बिना शर्त युद्धविराम को स्वीकार करें. यह शांति को करीब लाने के लिए एक बड़ा कदम होगा.’
पिछले सप्ताह सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के बीच मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग के बाद यूक्रेन ने कहा था कि वह 30 दिनों के शांति समझौते के लिए तैयार है. अमेरिका ने ट्रंप से भी इसे स्वीकार करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि इसे बिना शर्त नहीं माना जाएगा. सिबिहा ने कहा कि यूक्रेन और रूस का युद्ध दो देशों की लड़ाई ही नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित व्यवस्था की बहाली का युद्ध है. रूस ने 22 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण किया था. तब से दोनों देशों के बीच युद्ध चल रहा है. यह यूक्रेन पर रूस का दूसरा आक्रमण था. 2014 में, रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर आक्रमण किया और उसे अपना हिस्सा बना लिया था. 2014-22 के दौरान, रूस ने पूर्वी यूक्रेन में एक अलगाववादी विद्रोह को भी प्रायोजित किया.
यूक्रेन नहीं करेगा सरेंडर
सिबिहा ने कहा कि सभी देशों के हित में है कि वे यूक्रेन का समर्थन करें ताकि, दुनिया का कोई दूसरा देश भी रूस की तरह कार्य न करें. सिबिहा ने कहा, ‘यह युद्ध क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान पर आधारित दुनिया के कानून की बहाली से जुड़ा है. इसलिए हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन चाहिए – कूटनीतिक समर्थन, आर्थिक समर्थन और मानवीय समर्थन. यह सभी देशों के हित में है कि यूक्रेन में न्यायपूर्ण और व्यापक शांति स्थापित हो ताकि इसे हमेशा के लिए रोका जा सके.’ सिबिहा ने कहा कि यूक्रेन इस साल युद्ध समाप्त करना चाहता है और देश लड़ाई के बजाय कूटनीति को प्राथमिकता देता है. उन्होंने कहा कि युद्धविराम यूक्रेन के सरेंडर की कीमत पर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यूक्रेन देश की क्षेत्रीय अखंडता के साथ समझौता नहीं करेगा.
अगस्त 2024 में, यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क और पड़ोसी ब्रायंस्क प्रांत में हमला कर बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया. यूक्रेन को उम्मीद थी कि इन कब्जे वाले क्षेत्रों का इस्तेमाल रूस के साथ किसी भी शांति वार्ता के दौरान क्षेत्रों की अदला-बदली के लिए किया जाएगा. हालांकि, हाल के दिनों में रूस ने उन क्षेत्रों के अधिकांश हिस्से पर फिर से कब्जा कर लिया. इससे यूक्रेन का वह प्लान जिसमें वह जमीनों की अदला-बलदी चाहता था वह फेल हो चुका है. सिबिहा ने कहा, ‘रूस ने यूक्रेन में कोई रणनीतिक लक्ष्य हासिल नहीं किया. हमारे पास शायद यूरोपीय महाद्वीप पर सबसे मजबूत सेना है. लगभग 10 लाख सैनिकों के साथ जो वहां हर रोज लड़ाई कर रहे हैं. सिबिहा से जब कुर्स्क की स्थिति को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन से 26 गुना बड़ा है और उसके पास परमाणु क्षमता है. इतने बड़े अंतर के बावजूद यूक्रेन अब तक सफल रहा है
सारांश:
यूक्रेन ने साफ कहा कि वह सरेंडर नहीं करेगा, बल्कि रूस से लड़ना जारी रखेगा। यह बयान ट्रंप और पुतिन की संभावित बातचीत से पहले आया है। यूक्रेन ने शांति की इच्छा जताई, लेकिन आत्मसमर्पण को पूरी तरह खारिज कर दिया।