जकार्ता 18 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) -. इंडोनेशिया में मंगलवार को तीन भूकंप आए, जिनमें से एक 5.5 तीव्रता का झटका सुबह नॉर्थ सुमात्रा प्रांत में महसूस किया गया. इससे पहले मलुकु और ईस्ट नूसा तेंगारा में भी भूकंप आए थे. इस बात की जानकारी इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान, जलवायु और भूभौतिकी एजेंसी ने दी. बताया जा रहा है कि सुबह 5:22 बजे (स्थानीय समय) पर आए इस भूकंप का केंद्र नॉर्थ टापनुली रीजेंसी से 17 किमी दक्षिण-पूर्व में था और इसकी गहराई 10 किमी थी.

नॉर्थ सुमात्रा प्रांतीय आपदा प्रबंधन एजेंसी की आपातकालीन, उपकरण और लॉजिस्टिक्स इकाई की प्रमुख वाह्युनी पंचसिलावती ने शिन्हुआ को बताया कि इस भूकंप में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया है. कई घरों और एक सड़क को गंभीर नुकसान पहुंचा है, जिससे अब वहां ट्रांसपोर्ट संभव नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जोखिम का आकलन किया जा रहा है.

पहले भी आए थे दो झटके:
 इससे पहले, मंगलवार को रात 12:32 बजे (स्थानीय समय) मलुकु प्रांत में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था। शुरुआत में इसकी तीव्रता 6.0 दर्ज की गई थी, लेकिन बाद में इसे कम कर दिया गया.

– इसके ठीक 10 मिनट बाद, ईस्ट नूसा तेंगारा प्रांत में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया.

– हालांकि, इन तीनों भूकंपों के बाद किसी भी तरह की सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई क्योंकि इनके झटके इतनी तीव्रता के नहीं थे कि वे बड़े समुद्री लहरों (सुनामी) को जन्म दे सकें.

इंडोनेशिया: भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्र
– इंडोनेशिया एक द्वीपसमूह राष्ट्र है, जहां 127 सक्रिय ज्वालामुखी हैं. यह देश प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ (Pacific Ring of Fire) में स्थित होने के कारण अक्सर भूकंप का शिकार होता है.

– कुछ भूकंप अत्यधिक तीव्रता वाले होते हैं, जैसे कि 2004 में सुमात्रा के पश्चिमी तट पर आया 9.1 तीव्रता का भूकंप, जिसने हिंद महासागर में विनाशकारी सुनामी पैदा की थी. यह भूकंप जावा-सुमात्रा सबडक्शन ज़ोन में हुआ था, जहां ऑस्ट्रेलियाई टेक्टोनिक प्लेट इंडोनेशिया की सुंडा प्लेट के नीचे धंसती है.

– हालांकि, जावा के पूर्वी हिस्से में यह सबडक्शन जोन ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीपीय क्रस्ट के कारण अवरुद्ध हो गया है. यह क्रस्ट समुद्री क्रस्ट की तुलना में काफी मोटा और अधिक तैरने योग्य होता है, जिसके कारण यह इंडोनेशिया के नीचे धंसने में कठिनाई पैदा करता है.

इंडोनेशिया में सुनामी का खतरा अधिक क्यों?
– इंडोनेशिया में प्लेट सीमाओं के साथ अधिक संख्या में उथले (शैलो) भूकंप आते हैं, जिससे यह क्षेत्र सुनामी के लिए बेहद संवेदनशील हो जाता है.
– 2004 में हिंद महासागर की सुनामी ने सुमात्रा के तट पर 1,65,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी.
– 2006 में जावा के दक्षिणी तट पर आई सुनामी में 600 से अधिक लोग मारे गए थे.
– इसी तरह, इंडोनेशिया में लगातार भूकंप और सुनामी का खतरा बना रहता है, जिससे इस क्षेत्र के लिए आपदा प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है.

Bharat Baani Bureau

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