World TB Day

24 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो ): ट्यूबरक्लोसिस, जिसे हम टीबी या फिर क्षय रोग के नाम से जानते हैं, एक संक्रामक रोग है। टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया से फैलता है, जो अक्सर लोगों के फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, वैश्विक आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित है। अनुमान है कि इस बीमारी से 2023 में दुनिया भर में करीब 10.8 मिलियन लोग बीमारी हुए, जबकि कुल 1.25 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई, जिसमें एचआईवी से पीड़ित 161,000 लोग शामिल हैं।

टीबी बीमारी को लेकर आज के समय में भी लोगों में कई तरह के भ्रम हैं। ऐसे में हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य टीबी के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना और इसे खत्म खत्म करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देना है। आज हम आपको टीबी डे के मौके पर बताने जा रहे हैं क्या इसका परमानेंट इलाज संभव है और इसके रिस्क को कम करने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है।

टीबी का सबसे अधिक खतरा किसे होता है?

टीबी का सबसे अधिक खतरा किसे होता है?

डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ट्यूबरक्लोसिस रोग ज्यादातर वयस्कों को उनकेप्रोडक्टिवसालों में प्रभावित करता है। हालांकि सभी आयु वर्ग के लोग इसके जोखिम में हैं। टीबी दुनिया के हर हिस्से में होती है। 80% से अधिक केस और मौतें लो और मिडिल-इनकम वाले देशों मे होती हैं।

टीबी का लक्षण

टीबी का लक्षण

ट्यूबरक्लोसिस के इलाज के बारे में जानने से पहले ये भी जानना जरूरी है कि इसके लक्षण क्या-क्या हैं,क्योंकि लक्षणों की पहचान करके ही रोग का शीघ्र उपचार संभव हो पाता है।

टीबी के 3 चरण होते हैं- एक्सपोजर,लेटेंट और एक्टिव डिजीज। प्रत्येक चरण में लक्षण अलग-अलग होते हैं। जो कुछ इस प्रकार हैं:-

पहला चरण एक्सपोजर- हल्का बुखार,थकान,खाँसी।

दूसरे चरण लेटेंट- लेटेंट टीबी संक्रमण के दौरान कोई लक्षण नहीं होते हैं।

तीसरा चरण एक्टिव डिजीज- खाँसी,खून या बलगम वाली खांसी,सीने में दर्द,सांस लेने या खांसने में दर्द,बुखार,ठंड लगना,रात में पसीना आना,वजन कम होना,खाने की इच्छा न होना,थकान,सामान्य रूप से अच्छा महसूस न करना।

टीबी का इलाज

टीबी का इलाज

डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उचित उपचार के बिना टीबी से पीड़ित दो तिहाई लोग मर जाएंगे। एक्टिव,ड्रग-सेंसिटिविटी टीबी रोग का इलाज 4 एंटीमाइक्रोबियल ड्रग्स के स्टैंडर्ड 6 महीने के कोर्स से किया जाता है,जो मरीज को हेल्थ वर्कर या ट्रेन्ड वॉलेंटियर द्वारा जानकारी,सुपरविजन और सपोर्ट के साथ प्रदान किया जाता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टीबी के अधिकतर मामलों को तब ठीक किया जा सकता है,जब दवाएं ठीक से ली जाएं।

क्या टीबी का परमानेंट इलाज संभव है?

क्या टीबी का परमानेंट इलाज संभव है?

अगर आप भी काफी समय से इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो इसका जवाब है हां। उचित उपचार और सही देखभाल से टीबी को स्थायी रूप से ठीक किया जा सकता है।

टीबी से बचाव के उपाय

टीबी से बचाव के उपाय

1- CDC के मुताबिक,अगर यदि आपको इनएक्टिव टीबी है,तो इसका इलाज करना एक्टिव टीबी डिजीज को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।

2- अगर आप में टीबी के कोई लक्षण हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार कराएं,इससे बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है।

3- अगर आप घर,ऑफिस या स्कूल में ऐसे लोगों के संपर्क में रहते हैं जिन्हें टीबी रोग है तो ट्यूबरक्लोसिस का परीक्षण जरूर करवाएं,क्योंकि यह एक संक्रामक बीमारी है।

4- दूसरों को टीबी न फैले इसके लिए खांसते या छींकते समय अपना मुंह और नाक कवर करें,अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचें,मास्क पहनें।

5- शिशुओं को बैसिलस (बीसीजी) का टीका लगवाएं। वैक्सीनेशन उन क्षेत्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहाँ टीबी के मामले सामने आते रहते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

सारांश: हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस रोग के बारे में डिटेल में।

Bharat Baani Bureau

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