GDP Growth 25 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – : S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को भारत की GDP ग्रोथ के अनुमान को अगले वित्तीय वर्ष के लिए कम कर 6.5 प्रतिशत कर दिया। उनका कहना है कि एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में जारी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका के बढ़ते टैरिफ और ग्लोबलाइजेशन को लेकर चल रहे एक खींचातानी के चलते अर्थव्यवस्था दबाव में रहेगी। अपने एशिया-पैसिफिक के आर्थिक आउटलुक में, S&P ने कहा कि इन बाहरी दबावों के बावजूद, उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं में घरेलू मांग की गति मजबूत बनी रहेगी।

S&P ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि भारत की GDP 31 मार्च, 2026 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में 6.5 प्रतिशत बढ़ेगी। हमारा अनुमान पिछले वित्तीय वर्ष के नतीजे के समान है, लेकिन यह हमारी पहले की भविष्यवाणी 6.7 प्रतिशत से कम है।”

यह अनुमान इस धारणा पर आधारित है कि आने वाला मानसून सामान्य रहेगा और कमोडिटी की कीमतें नरम रहेंगी। खाद्य मुद्रास्फीति में कमी, देश के बजट में वित्तीय वर्ष 31 मार्च, 2026 के लिए घोषित कर लाभऔर उधार लेने की कम लागत भारत में व्यक्तिगत खपत को सपोर्ट देंगे। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के केंद्रीय बैंक इस साल बेंचमार्क ब्याज दरों में कटौती जारी रखेंगे।

S&P ने कहा, “हमारा अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक मौजूदा चक्र में ब्याज दरों में 75 बीपी-100 बीपी की और कटौती करेगा। खाद्य मुद्रास्फीति में कमी और कच्चे तेल की कम कीमतें हेडलाइन मुद्रास्फीति को केंद्रीय बैंक के 4 प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाएंगी, और वित्तीय नीति नियंत्रित रहेगी।”

RBI ने घटाया था रिपो रेट

पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रिपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 6.50 प्रतिशत से 6.25 प्रतिशत कर दिया था। S&P ने कहा कि एशिया-पैसिफिक अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका के बढ़ते टैरिफ और ग्लोबलाइजेशन के खिलाफ सामान्य प्रतिरोध का दबाव महसूस करेंगी। हालांकि, हम देखते हैं कि क्षेत्र की उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में घरेलू मांग की गति बड़े पैमाने पर बनी रहेगी।

उन्होंने आगे कहा, “एशिया-पैसिफिक पर नीतिगत उपायों और बाहरी दबावों की मात्रा को देखते हुए, हमारे अनुमानों की मजबूती क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं की लचीलापन को दिखाती है।” S&P ने कहा कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन प्रमुख क्षेत्रों में आर्थिक नीति बदल रहा है। घरेलू स्तर पर, आप्रवासन में कमी, नियमों में ढील और करों व सरकारी खर्च में कटौती पर ध्यान है।

सारांश:
S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की GDP वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5% कर दिया है। पहले यह अनुमान 7% था, लेकिन वैश्विक आर्थिक सुस्ती और घरेलू मांग में संभावित गिरावट को देखते हुए संशोधन किया गया है। हालांकि, भारत अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहेगा।

Bharat Baani Bureau

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