नई दिल्‍ली 26 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – . डोनाल्‍ड ट्रंप ने जबसे अमेरिका की कमान संभाली है, तब से पूरी दुनिया में उथल-पुथल का आलम है. ट्रंप के टैरिफ वॉर के ऐलान से खलबली मची हुई है. ऐसे समय में भी ट्रंप भारत के साथ अपने रिश्‍तों को और मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. यही वजह है कि ट्रंप सरकार ने अपने नेशनल इंटेल‍िजेंस चीफ को तुलसी गबार्ड को इंडिया भेजा. अब अमेरिका के NSA भी नई दिल्‍ली का दौरा करने वाले हैं ताकि द्पिक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई दी जा सके. इस बीच, अमेरिका की एक संस्‍था ने धार्मिक आजादी को लेकर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत में अल्‍पसंख्‍यकों के साथ बुरा बर्ताव होने की बात कही गई है. इसके अलावा खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर बैन लगाने की भी बात कही गई है. अब भारत ने इसपर कड़ा रिएक्‍शन दिया है. विदेश मंत्रालय ने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा कि देश की प्रतिष्‍ठा को कमजोर करने का यह प्रयास सफल नहीं होगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्‍होंने धार्मिक स्वतंत्रता और RAW पर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है. USCIRF-2025 की सालाना रिपोर्ट के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में रणधीर जयसवाल ने कहा, ‘हमने USCIRF की सालाना रिपोर्ट को देखा है. यह पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित है. अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से पेश करने और भारत के जीवंत बहुसांस्कृतिक समाज पर आक्षेप लगाने के USCIRF के लगातार प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वास्तविक चिंता के बजाय एक जानबूझकर किए गए एजेंडे को दर्शाते हैं.’

‘सफल नहीं होगा प्रयास’
रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, ‘भारत 1.4 अरब लोगों का घर है, जहां मानव जाति के लिए ज्ञात सभी धर्मों के अनुयायी हैं. हालांकि, हमें कोई उम्मीद नहीं है कि USCIRF भारत के बहुलवादी ढांचे की वास्तविकता से जुड़ेगा या इसके विविध समुदायों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करेगा. लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे. USCIRF को चिंता की इकाई के रूप में नामित किया जाना चाहिए.

Bharat Baani Bureau

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