03 अप्रैल 2025 (भारत बानी ब्यूरो): हिंदी सिनेमा की चमकदार दुनिया में चढ़ते सूरज को सलाम और डूबते सूरज से किनारा करने के किस्से जब-जब सुनाए जाते हैं तो उस एक्टर का नाम जरूर लिया जाएगा. जिन्होंने एक दौर में अमिताभ बच्चन को छोटा स्टार कहकर बेज्जती की थी. फिर अपने गुरबत के दिनों में उसी अमिताभ से उन्होंने मदद मांगी और उनकी फिल्म में छोटा सा रोल भी अदा किया. ये सुपस्टार और कोई नहीं बल्कि नवीन निश्चल हैं.
नवीन निश्चल का जन्म लाहौर में एक बंगाली परिवार में हुआ था. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पहले मॉडलिंग और फिर 60 के दशक में दिल्ली में Mr India का प्राइमरी राउंड जीतने के बाद फाइनल राउंड के लिए मुंबई पहुंच गए. जहां वह अपने पिता के अजीज दोस्त और जाने-माने फिल्म डायरेक्टर मोहन सहगल से मिले. मोहन सहगल ने उन्हें पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लेकर फिल्मी दुनिया की बारिकियां सीखने को कहा. उन्होंने कहा था, ‘जब तुम हीरो बनने के लिए जरूरी सारी चीजें अच्छे से सीख जाओगे, फिर मेरे पास आना’.
रेखा संग किया था पर्दे पर डेब्यू
कुछ समय के बाद नवीन मोहन सहगल के पास पहुंचे और उन्होंने अपना वादा निभाया और फिल्म ‘सावन भादो’ में उन्हें कास्ट किया, जिसमें उनके अपोजिट रेखा ने काम किया था. रेखा और नवीन निश्चल दोनों की यह बॉलीवुड में पहली फिल्म थी. 1970 में रिलीज हुई ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई और इसके बाद तो उनके सामने फिल्म निर्माताओं की लाइन लग गई.

सिर पर सवार हो गया था घमंड
1971 में उनकी पांच फिल्में रिलीज हुई, जिनमें ‘बुड्ढा मिल गया’, ‘नादान’, ‘संसार’, ‘गंगा तेरा पानी अमृत’ और ‘परवाना’ शामिल थीं. ‘परवाना’ वहीं फिल्म थी, जिसमें अमिताभ बच्चन नवीन के मुकाबले एक बहुत ही छोटे भूमिका में नेगेटिव किरदार में नजर आए थे. कहा जाता है कि तब नवीन निश्चल के सिर पर घमंड इस तरह सवार हो गया था कि फिल्म के प्रमोशन के दौरान उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ फोटो सेशन कराने से इंकार कर दिया था.
अमिताभ बच्चन को मानते थे छोटा स्टार
‘मेरे अपने’ , ‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘दीवार’ जैसी फिल्मों को उन्होंने मना कर दिया, जिसमें बाद में विनोद खन्ना और शशि कपूर नजर आए. इन फिल्मों को उन्होंने इसलिए मना किया, क्योंकि इसमें अमिताभ बच्चन थे. घमंड में डूबे नवीन निश्चल उन्हें बहुत छोटे कलाकार मानते थे. इसलिए नवीन ने इन फिल्मों में अभिनय करने से मना कर दिया. साथी कलाकारों की रिस्पेक्ट नहीं करना, शूटिंग के वक्त तरह-तरह के नखरे, गलत आदतें, नशा करना, फिल्म निर्माताओं की निर्देशों को तवज्जो न देना ये सब उन्हीं पर भारी पड़ने लगा.
जिसके लिए पत्नी को दिया तलाक वो डायरेक्टर संग भागी
नवीन निश्चल की जिंदगी में कई औरतों का आना-जाना लगा रहा. फिल्मों में दाखिल होने से पहले ही नवीन निश्चल ने देवानंद की भांजी नीलू कपूर से शादी कर ली थी, जो शेखर कपूर की बहन थीं. कहते हैं इस कारण ही उनका देवानंद की परिवार से करीबी रिश्ता भी बन गया था, लेकिन जल्द ही यह सब बदलने लगा. नवीन की गहरी दोस्ती उस दौर की एक हीरोइन पद्मिनी कपिला से हो गई और बात इतनी बड़ गई कि 1976 में नीलू और नवीन निश्चल का तलाक हो गया. लेकिन इस बीच पद्मिनी कपिला ने उस दौर के मशहूर निर्माता प्रकाश मेहरा से दोस्ती की और वह उन्हें छोड़कर प्रकाश मेहरा के पास चली गईं.
दूसरी पत्नी की मौत के बाद खाई जेल की हवा
साल 1996 में नवीन ने गीतांजलि से दूसरी शादी कर ली. शादी के बाद पत्नी के साथ अपने भाई के घर पहुंचे लेकिन यहां भी कुछ वक्त के बाद अनबन शुरू हुई और उनके भाई ने उन्हें घर से निकाल दिया. फिर कुछ ऐसा हुआ कि जिसने सभी को हिला कर रख दिया. नवीन की पत्नी गीतांजलि ने इस घटना के तीन महीने बाद ही आत्महत्या कर ली और अपने सुसाइड नोट में उन्होंने नवीन और उनके भाई पर प्रताड़ना के आरोप लगाया. जेल हुई और फिर अदालत में लंबा केस चला. हालांकि, कुछ समय बाद वो जमानत पर बाहर आ गए थे.
दर्दनाक हुई मौत
9 मार्च 2011 को नवीन निश्चल अपने दोस्तों के साथ होली मनाने के लिए पुणे जा रहे थे. उनके साथ निर्माता गुरदीप सिंह और एक्टर रणधीर कपूर भी थे. रास्ते में उन्होंने गुरदीप को गाड़ी का एसी कम करने के लिए कहा. गुरदीप के एसी कम करने की कुछ ही देर बाद नवीन को दिल को दौरा पड़ा और मौके पर ही मौत हो गई.
सारांश: 70 के दशक में वो नामी सितारों में से एक थे. उस दौर में वो सबसे ज्यादा फीस लेने एक्टर्स में शुमार होते हैं. लेकिन, किसी को-स्टार्स या दुश्मनों से नहीं बल्कि उन्होंने खुद ही अपने आप को बर्बाद किया.अपनी जिंदगी को तबाह करने और उसका खामियाजा भुगतने का श्रेय इन्हें खुद ही दिया जाता है. क्या आप जानते हैं कि इस सुपरहिट हीरो की जिंदगी कितनी विवादास्पद रही थी.