20 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) और उसकी बहन पूर्वी मोदी की ₹66.33 करोड़ की संपत्तियों को रिलीज करने की अनुमति दे दी है। ये संपत्तियां पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जब्त की गई थीं। कोर्ट ने यह आदेश पीएनबी द्वारा दायर एक अर्जी पर दिया, जिसमें कहा गया था कि इन संपत्तियों को बेचकर या नीलामी के माध्यम से बैंक को हुए नुकसान की आंशिक भरपाई की जा सके।
विशेष न्यायाधीश एवी गुजराती ने 17 जून को यह आदेश पारित किया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पीएनबी को यह अंडरटेकिंग देनी होगी कि अगर भविष्य में जरूरत पड़ी, तो इन संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त राशि को फिर से वसूला जा सकेगा। रिलीज की गई संपत्तियों में नीरव मोदी के मुंबई के वर्ली इलाके स्थित समुद्र महल आवास से बरामद ज्वेलरी, सिक्के, घड़ियां और नकदी शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत करीब ₹40.83 करोड़ है। इसके अलावा, पूर्वी मोदी के नाम पर ₹19.50 करोड़ का एक फ्लैट और अन्य चल संपत्तियां भी इसी पते से जब्त की गई थीं।
गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई में बैंकों के एक समूह ने कुल ₹8,526 करोड़ से ज्यादा के नुकसान की जानकारी दी है। हालांकि, ED ने अब तक करीब ₹2,324.97 करोड़ की संपत्तियों को ही जब्त किया है। कोर्ट के इस फैसले से पीएनबी को नुकसान की भरपाई में मदद मिल सकती है, जबकि नीरव मोदी के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अलग से जारी है।
ईडी ने नहीं जताई आपत्ति, नीरव मोदी की जब्त संपत्तियां पीएनबी को मिलेंगी वापस
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट को बताया है कि उसे जब्त संपत्तियों को वापस देने पर कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कुछ शर्तें पूरी की जाएं। इसके बाद कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की अर्जी को मंजूरी देते हुए नीरव मोदी की संपत्तियां उसे लौटाने का आदेश दे दिया।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नीरव मोदी अब भी भगोड़ा है और भारत लौटने को तैयार नहीं है। नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी ₹13,500 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं।
मेहुल चोकसी इस समय बेल्जियम में कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं, जबकि नीरव मोदी 2019 से ब्रिटेन की जेल में बंद हैं।
गौरतलब है कि 15 मई 2025 को यूके हाईकोर्ट ने नीरव मोदी की ज़मानत अर्जी एक बार फिर खारिज कर दी थी। यह उनकी गिरफ्तारी के बाद से दसवीं बार था जब उन्हें जमानत नहीं मिली।
प्रवर्तन निदेशालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “यूके हाई कोर्ट ने 15 मई 2025 को नीरव मोदी की चौथी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे फिर से खारिज कर दिया। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के $1 बिलियन घोटाले का मास्टरमाइंड है।”
ईडी ने कोर्ट में बताया कि नीरव मोदी ने शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करते हुए बड़ी रकम ब्रिटेन समेत अन्य देशों में भेजी थी। इस घोटाले का एक हिस्सा जब्त भी किया जा चुका है और कुछ राशि पीड़ित बैंकों को वापस भी की गई है।
CBI ने प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि यह याचिका यूके हाईकोर्ट के किंग्स बेंच डिविजन में दायर की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। इस सुनवाई में CBI की एक टीम भी लंदन पहुंची थी, जिसमें जांच और कानूनी अधिकारी शामिल थे। उन्होंने क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के साथ मिलकर नीरव मोदी की जमानत का विरोध किया।
CBI ने बताया कि नीरव मोदी 19 मार्च 2019 से लंदन की जेल में बंद है। वह ₹6,498.20 करोड़ के बैंक घोटाले का आरोपी है और भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए वांछित है। यह उसकी 10वीं जमानत याचिका थी, जिसे फिर से खारिज कर दिया गया।
नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ, ब्रिटेन हाई कोर्ट ने दी प्रत्यर्पण को मंजूरी
हीरा कारोबारी नीरव मोदी को मार्च 2019 में ब्रिटेन में गिरफ्तार किया गया था। अब वहां की हाई कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद उनकी कई संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं।
नीरव मोदी ने खुद को भारत प्रत्यर्पित होने से रोकने के लिए कई कानूनी कोशिशें की थीं, जिनमें 2022 में यूके सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका भी शामिल है। लेकिन उन्हें हर बार नाकामी मिली। अब उनके भारत लौटने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।
सारांश:
PNB घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी की ₹66.3 करोड़ की संपत्तियों को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को लौटाने की अनुमति कोर्ट ने दे दी है। यह फैसला बैंक को हुए बड़े नुकसान की भरपाई की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।