25 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : ऋषभ पंत ने तो दोनों पारियों में शतक जड़कर भारत को लीड्स टेस्ट में जिताने की पूरी कोशिश की, लेकिन इसे उनका बैडलक ही कहा जाएगा कि जब-जब उन्होंने विदेशी सरजमीं पर सेंचुरी जमाई है, टीम की हार हुई है.
0-1 से पिछड़ गया भारत
दरअसल, इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारतीय टीम जीत की प्रबल दावेदार थी. मगर मैच के पांचवें और आखिरी दिन इंग्लैंड ने इतिहास रचते हुए 370 रन के विशाल लक्ष्य को बौना साबित करते हुए न सिर्फ पांच विकेट से मैदान मारा बल्कि पांच टेस्ट की सीरीज में 1-0 की लीड भी बना ली.
बैडलक है पंत की सेंचुरी?
मैच के बाद ऋषभ पंत का ऐसा रिकॉर्ड सामने आया है, जो बताता है कि उनकी सेंचुरी टीम के लिए कितना बड़ा बैडलक लेकर आती है. ऋषभ पंत ने मैच की पहली पारी में 134 तो दूसरी पारी में 118 रन बनाए, लेकिन इसके बावजूद टीम को जीत नहीं दिला पाए.
विदेश में सात टेस्ट शतक एक में भी नहीं जीते
ये ऋषभ पंत का विदेशी सरजमीं पर छठा टेस्ट शतक था. इससे पहले जब उन्होंने 2018 के इंग्लैंड दौरे पर 118 रन बनाए तब टीम हारी थी. जब 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऋषभ पंत ने नाबाद 159 रन की पारी खेली तो मैच ड्रॉ हुआ था. इसके बाद जब ऋषभ पंत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2022 में नाबाद 100, इंग्लैंड के खिलाफ 2022 में नाबाद 146 रन बनाए तो भी टीम मैच हार गई.
आखिरी दिन ऐसा जीता इंग्लैंड
मैच की बात करें तो जब इंग्लैंड पांचवें दिन बल्लेबाजी करने उतरा तो लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार शुरुआत की. सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉली और बेन डकेट ने क्रमशः 65 और 149 रन बनाए. डकेट की विशाल पारी ने सुनिश्चित किया कि इंग्लैंड लक्ष्य हासिल कर ले. जो रूट ने 53* रन बनाए, जबकि बेन स्टोक्स और जेमी स्मिथ ने क्रमशः 33 और 44 रन बनाए.
सारांश:
टीम इंडिया की हार का ठीकरा सिर्फ ऋषभ पंत के ड्रॉप कैच पर नहीं फोड़ा जा सकता। असली वजह थी मिडल ऑर्डर का लगातार फ्लॉप होना, बॉलिंग में योजना की कमी और दबाव में गलत फैसले। पंत की पर्फॉर्मेंस को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना जरूर हुई, लेकिन मैच के कई अहम मोड़ों पर टीम सामूहिक रूप से फेल हुई।