01 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) ईरान और इजरायल के बीच युद्ध भले ही थोड़ा ठहरा हो लेकिन इजरायल की सेना का गाजा में हमला अब भी जारी है. गाजा में रहने वालों की जान हर वक्त हथेली पर होती है और उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं होता कि कब और किधर से मौत उन्हें ढूंढकर सामने आ जाएगी. कुछ ऐसा ही हुआ सोमवार को, जब इजरायली सेनाओं ने अलग-अलग घटनाओं में करीब 74 नागरिकों की जान ले ली. इसमें एक जगह तो ऐसी भी थी, जहां लोग बैठे अपना फोन चार्ज कर रहे थे और हालात जानने के लिए इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे थे.
गाजा सिटी के अल-बाका कैफे में लोग अपने फोन चार्ज करने और इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए गए थे, उन्हें क्या पता था कि पलभर बाद ही उनके सिर पर मौत अपना तांडव शुरू कर देगी और कैफे कब्रिस्तान में बदल जाएगा. कैफे पर हवाई हमला तब हुआ, जब वहां काफी संख्या में लोग मौजूद थे. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक गाजा के स्वास्थ्य विभाग के एमरजेंसी चीफ फारेस अवाद ने कहा कि कम से कम 30 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है.
भूकंप से हिल गया इलाका
घटना के प्रत्यक्षदर्शी अली अबू अतैला ने बताया कि बिना किसी चेतावनी के एक विमान ने कैफे पर हमला किया और सब कुछ भूकंप की तरह हिल गया. ये कैफे उन कुछ स्थानों में से एक था जो 20 महीने से चल रही लड़ाई के बावजूद खुला था. वहां लोग इंटरनेट चलाने और फोन चार्ज करने के लिए आते थे. उस दिन भी वो ऐसा ही कर रहे थे कि इसके कुछ ही दे बाद सोशल मीडिया पर वीडियो में खून से सने शव और घायलों को कम्बलों में ले जाते हुए राहतकर्मियों के वीडियो दिखाई दिए. इसके अलावा भी गाजा सिटी की एक सड़क पर दो अन्य हमलों में 15 लोग मारे गए और ज़वायदा शहर के पास एक इमारत पर हमले में 6 लोगों की जान चली गई.
खाने के इंतजार में मिली मौत
इसके अलावा दक्षिणी गाजा में खाना लेने के लिए राहत केंद्र पर गए लोगों पर गोलीबारी में 11 फिलीस्तीनियों की मौत हो गई. खान यूनिस के नासेर अस्पताल ने बताया कि ये लोग गाजा ह्यूमैनिटेरियन फंड से जुड़ी सहायता साइट से लौटते समय मारे गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने ने बताया कि गोलीबारी GHF साइट से लगभग 3 किलोमीटर दूर हुई. कुछ लोगों का दावा है कि भीड़ पर तोप से हमला किया गया और टैंक सवार सैनिकों ने सीधे भीड़ पर गोलियां चलाईं. यह पिछले एक महीने में 500 से ज़्यादा लोगों की मौत की उसी दुखद प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें लोग सहायता लेने जाते हैं लेकिन वहां जान गंवा बैठते हैं.
इजरायली सेना ने क्या कहा?
इजरायल की सेना ने कहा है कि वह इन घटनाओं की जांच कर रही है. सेना पहले भी सेना कह चुकी है कि अगर कोई संदिग्ध हरकत करता है या सैनिकों के बहुत पास आता है तो वे चेतावनी के लिए गोली चलाते हैं. इजरायल और अमेरिका चाहते हैं कि GHF संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के हेल्प सेंटर्स की जगह ले. इज़राइल का आरोप है कि हमास संगठन इस मदद को हड़प लेता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने खारिज किया है. यह घटनाएं गाजा में बिगड़ते हालात और आम लोगों की और दुर्गति दिखाने वाला है. यहां लोग अब न सिर्फ युद्ध का शिकार हो रहे हैं, बल्कि जरूरी मदद तक पहुंचने की कोशिश में भी अपनी जान गंवा रहे हैं.
इजरायल की सेना ने कहा है कि वह इन घटनाओं की जांच कर रही है. सेना पहले भी सेना कह चुकी है कि अगर कोई संदिग्ध हरकत करता है या सैनिकों के बहुत पास आता है तो वे चेतावनी के लिए गोली चलाते हैं. इजरायल और अमेरिका चाहते हैं कि GHF संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के हेल्प सेंटर्स की जगह ले. इज़राइल का आरोप है कि हमास संगठन इस मदद को हड़प लेता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने खारिज किया है. यह घटनाएं गाजा में बिगड़ते हालात और आम लोगों की और दुर्गति दिखाने वाला है. यहां लोग अब न सिर्फ युद्ध का शिकार हो रहे हैं, बल्कि जरूरी मदद तक पहुंचने की कोशिश में भी अपनी जान गंवा रहे हैं.