01 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) बारिश के मौसम में जब सुबह-सुबह बाहर निकलना ना हो पाए, वॉकिंग-जॉगिंग रुक जाए, तो आप स्टेपर वर्कआउट को आजमा सकते हैं। इससे शरीर के कोर मसल्स एक्टिव होते हैं, बॉडी बैलेंस होती है, स्टेबिलिटी आती है, पॉश्चर और फॉल प्रिवेंशन बेहतर होता है। बुजुर्गों, महिलाओं और ज्वाइंट्स प्रॉब्लम झेल रहे लोगों के लिए तो ये योग के बाद सबसे सेफ ऑप्शन है। इससे न्यूरो-मस्कुलर कोऑर्डिनेशन भी सुधरता है।
ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बरसात में मांसपेशियों और नसों की परेशानी बढ़ जाती है। एम्स के मुताबिक, सिर्फ मानसून में न्यूरो के करीब 22% मामले बढ़ते हैं जो लोग पुरानी चोट लिए जी रहे हैं या जो सिटिंग जॉब करते है उन्हें तो खासकर के अपनी नस-नाड़ियों को एक्टिव रखने के लिए ऐसे वर्कआउट की जरूरत है।
बारिश के साथ शरीर में दर्द ने दी दस्तक
एम्स के मुताबिक 40% लोगों ने बताया कि बारिश का मौसम आते ही कमर-गर्दन-कंधों और जोड़ों में दर्द ट्रिगर हो जाता है। पैर-पीठ में ऐंठन-अकड़न की परेशानी बढ़ जाती है। कई बार नमनेस महसूस होती है तो कई लोगों को चेहरे या शरीर के किसी अंग में तेज बिजली जैसा दर्द होता है। लेकिन ये सब होता क्यों है।
थकान, मांसपेशियों में कमजोरी का क्या है कारण
दरअसल हाई ह्यूमिडिटी से टिशूज में स्टिफनेस बढ़ जाती है। तापमान में गिरावट आने से ब्लड सर्कुलेशन धीमा होता है और लोगों को थकावट के साथ मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होने लगती है। ब्लड फ्लो कम होने से नसें भी अफैक्ट होती हैं। ऐसे में बाबा रामदेव से जानते हैं इन समस्याओं से बचने के उपाय।
मानसून में न्यूरो प्रॉब्लम
- वजह शरीर पर असर
- उमस मसल्स-नसों में दर्द-सूजन
- लो टेम्परेचर ब्लड फ्लो धीमा..अकड़न
- धूप की कमी थकावट-मांसपेशी कमजोर
- वर्कआउट में कमी नसों की परेशानी
नसों की दुश्मन है भीषण गर्मी
- डिहाइड्रेशन से पानी की कमी
- ब्लड सर्कुलेशन पर असर
- सर्कुलेटरी सिस्टम में दिक्कत
नसों पर भारी बिगड़ा ब्लड सर्कुलेशन
- जलन
- अकड़न
- क्लॉटिंग
- हार्ट अटैक का डर
- ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
मसल्स में ऐंठन की क्या है वजह?
पानी की कमी
मसल्स में ब्लड सप्लाई कम
मांसपेशियों के मूवमेंट पर असर
मसल्स में होती है ऐंठन
मसल्स में ऐंठन की क्या है वजह?
- न्यूट्रिशंस की कमी
- सोडियम,मैग्नीशियम, पोटेशियम की कमी
- नसों-मसल्स में कमजोरी
- लो ब्लड प्रेशर की समस्या
मसल्स में दिक्कत
- ब्लड फ्लो रुकने से
- नसों पर दबाव पड़ने से
- पोषक तत्व की कमी से
मसल्स की कमजोरी कैसे करें दूर?
- रोजाना व्यायाम करें
- विटामिन-डी से भरपूर खाना खाएं
- दिन में 4-5 लीटर पानी पीएं
- आंवले का सेवन करें
नसों का रखें ख्याल
- वज़न कंट्रोल
- कम नमक
- कम चीनी
- टाइट कपड़े ना पहने
नसों के लिए फायदेमंद
- लौकी
- नींबू
- संतरा
- छाछ-लस्सी
- मिक्स दालें
नर्व्स बनेंगे मजबूत
- गिलोय
- अश्वगंधा
- गुग्गुल
- गोखरू
- पुनर्नवा
सारांश:
स्वामी रामदेव के अनुसार नसों में झनझनाहट, अकड़न, सुन्नपन या जलन जैसी समस्याएं खराब रक्त संचार, विटामिन B12 की कमी, या नर्व्स वीकनेस के कारण हो सकती हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने योग, प्राणायाम (जैसे अनुलोम विलोम, भस्त्रिका), तथा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों (अश्वगंधा, शंखपुष्पी, ब्राह्मी आदि) के सेवन की सलाह दी है। साथ ही हल्की एक्सरसाइज और पोषक आहार को दिनचर्या में शामिल करना भी जरूरी बताया।