नई दिल्ली 04 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : भारत में स्टारलिंक लिंक जल्द लांच होने जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से एलन मस्क की कंपनी को सर्विस शुरू होने की हरी झंडी मिल गई है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि स्पेस एक्स की स्टारलिंक की तरफ से भारत में सर्विस शुरू करने की सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। रेगुलेटरी और लाइसेंसिंग अप्रूवल मिलने के बाद वे भारत में अपनी सैटेलाइट सर्विस शुरू कर सकते हैं। इसी बीच अमेरिकी सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनी वायसैट भी भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने जा रही है। वायसैट ने यह कदम ऐसे समय उठाया, जब स्टारलिंक देश में लांच के बेहद करीब है।
वायसैट एक वैश्विक संचार कंपनी है जो उपग्रह-आधारित इंटरनेट और अन्य कनेक्टिविटी सेवाएं प्रदान करती है। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी प्रदान करने पर केंद्रित है जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है। जानकारी के मुताबिक, वायसैट भारत में एविशन, मरीन, डिफेंस और प्राइवेट बिजनेस सेक्टर में अपनी सैटेलाइट सेवा का विस्तार कर रही है। कंपनी ने इस सेवा को शुरू करने के लिए भारत सरकार की सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल के साथ साझेदारी की है। कंपनी बीएसएनएल के मौजूदा लाइसेंस के तहत काम करेगी और साथ मिलकर डायरेक्ट-टू-डिवाइस सैटेलाइट सेवाएं भी लॉन्च करेगी। शुरुआती दौर में वायसैट की सेवा के जरिए दो-तरफा मैसेजिंग की सुविधा मिलेगी। भविष्य में इसमें फुल इंटरनेट कनेक्टिविटी भी जोड़ी जाएगी। इस साझेदारी के बाद बीएसएनएल देश की पहली सरकारी टेलीकॉम कंपनी बन सकती है जो सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेवा देगी।
बीएसएनएल के साथ इस साझेदारी के तहत वायसैट डायरेक्ट टू डायरेक्ट टेक्नोलॉजी कुछ खास स्मार्टफोनों, जैसे कि गुगल पिक्सल को सीधे सैटेलाइट से जोड़ने की सुविधा देगी। वहीं, अन्य स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक छोटा सा एक्सटर्नल डिवाइस उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे पक कहा जाता है। यह डिवाइस दो-तरफा सैटेलाइट मैसेजिंग की सुविधा देता है और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आपातकालीन स्थितियों में इसकी उपयोगिता साबित हो चुकी है।
फिलहाल वायसैट का फोकस बी टू बी सेगमेंट पर है, लेकिन बीएसएनएल के साथ मिलकर वह अब कंज्यूमर मार्केट में भी कदम रख रही है। इस साझेदारी से उन इलाकों में भी सैटेलाइट कनेक्टिविटी मिलेगी, जहां अब तक मोबाइल नेटवर्क की पहुंच नहीं है। मस्क की कंपनी स्टारलिंक कंपनी देश में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड, एंटरप्राइज कनेक्टिविटी और ग्रामीण व दूरदराज इलाकों में इंटरनेट सेवाएं देने की योजना बना रही है। स्टारलिंक अपनी सेवाओं के लिए लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स का इस्तेमाल करेगी, जबकि दूसरी ओर, वायसैट नाम की कंपनी जियोस्टेशनरी सैटेलाइट्स के जरिए इंटरनेट कनेक्टिविटी देती है।