30 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस से कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी को फोन किया और दोहा में हाल ही में हुए हमले के लिए माफी मांगी. इस महीने की शुरुआत में हुए इस ऑपरेशन में हमास नेता खलील अल-हय्या के बेटे और उसके सहयोगी जिहाद लबाद समेत पांच लोग मारे गए थे. नेतन्याहू ने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद कही. उधर ट्रंप ने गाजा शांति प्लान पेश किया है. नेतन्याहू ने कहा कि अगर हमास ने ये प्लान नहीं माना तो मिट्टी में मिला देंगे.
कतर के पीएम से क्या बोले नेतन्याहू… जानें शब्दश:
कतर के प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, प्रधानमंत्री मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि हमारे हमले में आपके एक नागरिक की मौत पर इजरायल गहरा खेद व्यक्त करता है. मैं आपको यह आश्वस्त भी करना चाहता हूं कि इजराइल का निशाना हमास था, न कि कतर के नागरिक. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि भविष्य में इजरायल आपकी संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करेगा और मैंने यह वचन राष्ट्रपति ट्रंप को भी दिया है. मुझे पता है कि आपकी इजरायल से शिकायतें हैं और इजरायल की कतर से कई शिकायतें हैं- चाहे वह मुस्लिम ब्रदरहुड का समर्थन हो, अल-जजीरा पर इजरायल की छवि बिगाड़ने का मामला हो, या विश्वविद्यालय परिसरों में इजरायल विरोधी भावना को समर्थन देना हो. मैं राष्ट्रपति ट्रंप के इस विचार का स्वागत करता हूं कि हमारे दोनों देशों की लंबित शिकायतों को हल करने के लिए एक त्रिपक्षीय समूह स्थापित किया जाए.
इस बीच गाजा में बम-गोलियों की आवाजें बंद होने वाली हैं. क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में शांति के लिए 20 प्वाइंट का प्लान पेश किया है. 20 सूत्रीय गाजा प्लान में 72 घंटे के अंदर सभी बंधकों को हमास को रिहा करना होगा. गाजा के लिए बोर्ड ऑफ पीस की अध्यक्षता खुद ट्रंप करेंगे. अगर हमास नहीं हुआ गाजा प्लान के लिए तैयार, तो हमास को खत्म करने में अमेरिका का इजरायल को पूरा समर्थन होगा.
गाजा पीस प्लान के 20 प्वाइंट एजेंडे की खास बातें…
1. ग़ाज़ा को एक उग्रवाद-मुक्त और आतंक-मुक्त क्षेत्र बनाया जाएगा, जो अपने पड़ोसियों के लिए खतरा न बने.
2. ग़ाज़ा का पुनर्निर्माण ग़ाज़ा की जनता के लाभ के लिए किया जाएगा, जिन्होंने पहले ही बहुत कष्ट सहा है.
3. यदि दोनों पक्ष इस प्रस्ताव पर सहमत होते हैं तो युद्ध तुरंत समाप्त हो जाएगा. इज़रायली बल सहमति-प्राप्त रेखा तक पीछे हटेंगे ताकि बंधकों की रिहाई की तैयारी हो सके. इस अवधि में सभी सैन्य अभियान, जिनमें हवाई और तोपख़ाना हमले शामिल हैं, निलंबित रहेंगे और मोर्चे की स्थिति तब तक जमी रहेगी जब तक चरणबद्ध वापसी की शर्तें पूरी नहीं हो जातीं.
4. इज़रायल द्वारा इस समझौते को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने के 72 घंटों के भीतर सभी बंधक- जीवित और मृत- लौटा दिए जाएंगे.
5. सभी बंधकों की रिहाई के बाद, इज़रायल 250 आजीवन कारावास वाले कैदियों के साथ-साथ 7 अक्टूबर 2023 के बाद हिरासत में लिए गए 1700 ग़ाज़ावासियों को रिहा करेगा, जिनमें उस समय हिरासत में ली गई सभी महिलाएं और बच्चे शामिल होंगे. प्रत्येक इज़रायली बंधक के अवशेषों की रिहाई पर, इज़रायल 15 मृत ग़ाज़ावासियों के अवशेष लौटाएगा.
6. सभी बंधकों की वापसी के बाद, जो हमास सदस्य शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध होंगे और अपने हथियार छोड़ देंगे, उन्हें आम माफी दी जाएगी. जो हमास सदस्य ग़ाज़ा छोड़ना चाहेंगे, उन्हें सुरक्षित मार्ग और स्वागत करने वाले देशों में जाने की सुविधा दी जाएगी.
7. इस समझौते की स्वीकृति के साथ ही ग़ाज़ा पट्टी में तुरंत पूर्ण मानवीय सहायता भेजी जाएगी. न्यूनतम रूप से, सहायता की मात्रा 19 जनवरी 2025 के मानवीय समझौते के अनुरूप होगी, जिसमें बुनियादी ढांचे (पानी, बिजली, सीवेज), अस्पतालों और बेकरी की मरम्मत, मलबा हटाने और सड़कें खोलने के लिए आवश्यक उपकरणों का प्रवेश शामिल होगा.
8. ग़ाज़ा में सहायता और वितरण का प्रवेश संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों, रेड क्रिसेंट तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के माध्यम से होगा, जो किसी भी पक्ष से संबद्ध नहीं होंगी. रफ़ा क्रॉसिंग का दोनों दिशाओं में खुलना भी 19 जनवरी 2025 के समझौते के तहत लागू तंत्र के अनुसार होगा.
9. ग़ाज़ा का शासन एक अस्थायी संक्रमणकालीन प्रशासन के अधीन होगा, जिसे तकनीकी, गैर-राजनीतिक फ़िलिस्तीनी समिति चलाएगी. यह समिति ग़ाज़ा के लोगों के लिए सार्वजनिक सेवाओं और नगरपालिकाओं को संचालित करेगी. इसमें योग्य फ़िलिस्तीनी और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे, और इस पर “बोर्ड ऑफ़ पीस” नामक नई अंतर्राष्ट्रीय संक्रमणकालीन संस्था का पर्यवेक्षण होगा. इसका नेतृत्व और अध्यक्षता राष्ट्रपति ट्रंप खुद करेंगे, जबकि अन्य सदस्य और राष्ट्राध्यक्ष (जिनमें पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी शामिल होंगे) घोषित किए जाएंगे. यह संस्था ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण का ढांचा तैयार करेगी और वित्त पोषण संभालेगी, जब तक कि फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण सुधार कार्यक्रम पूरा कर सुरक्षित रूप से ग़ाज़ा का नियंत्रण वापस नहीं ले लेता.
10. ग़ाज़ा को पुनर्निर्मित और विकसित करने के लिए ट्रंप आर्थिक विकास योजना बनाई जाएगी. इसमें उन विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी जिन्होंने मध्य पूर्व में आधुनिक सफल शहरों के विकास में योगदान दिया है. पहले से मौजूद निवेश प्रस्तावों और विकास विचारों को सुरक्षा और शासन ढांचे के साथ जोड़कर रोज़गार, अवसर और भविष्य की उम्मीदें पैदा करने की दिशा में काम किया जाएगा.
11. एक विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किया जाएगा, जिसमें भाग लेने वाले देशों के साथ वरीयता प्राप्त टैरिफ और पहुंच दरों पर बातचीत की जाएगी.
12. किसी को ग़ाज़ा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. जो लोग जाना चाहें, वे जा भी सकेंगे और लौट भी सकेंगे. लोगों को रुकने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और बेहतर ग़ाज़ा बनाने का अवसर दिया जाएगा.
13. हमास और अन्य गुट शासन में किसी भी प्रकार से शामिल नहीं होंगे. सभी सैन्य, आतंकवादी और आक्रामक ढांचे, जैसे सुरंगें और हथियार बनाने की फैक्ट्रियां, नष्ट की जाएंगी और दोबारा नहीं बनाई जाएंगी. ग़ाज़ा का निरस्त्रीकरण स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की निगरानी में होगा, जिसमें हथियारों को स्थायी रूप से निष्क्रिय करना और अंतर्राष्ट्रीय वित्तपोषित हथियार वापसी और पुनर्वास कार्यक्रम शामिल होगा.
14. क्षेत्रीय साझेदारों द्वारा यह गारंटी दी जाएगी कि हमास और अन्य गुट अपनी ज़िम्मेदारियों का पालन करेंगे और नया ग़ाज़ा अपने पड़ोसियों या अपने नागरिकों के लिए कोई खतरा नहीं होगा.
15. अमेरिका, अरब और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर एक अस्थायी अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) बनाएगा, जिसे तुरंत ग़ाज़ा में तैनात किया जाएगा. यह बल ग़ाज़ा में प्रशिक्षित और प्रमाणित फ़िलिस्तीनी पुलिस बलों को प्रशिक्षण और समर्थन देगा तथा जॉर्डन और मिस्र से परामर्श करेगा. यह बल इज़रायल और मिस्र के साथ मिलकर सीमाओं की सुरक्षा और ग़ाज़ा में सामान के सुरक्षित प्रवाह को सुनिश्चित करेगा.
16. इज़रायल ग़ाज़ा पर न तो कब्ज़ा करेगा और न ही उसका विलय करेगा. जैसे-जैसे ISF नियंत्रण और स्थिरता स्थापित करेगा, IDF (इज़रायल डिफ़ेंस फ़ोर्स) चरणबद्ध तरीके से पीछे हटेगा. एक सुरक्षा परिधि बनी रहेगी जब तक ग़ाज़ा पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो जाता.
17. यदि हमास इस प्रस्ताव को टालता या अस्वीकार करता है, तो ऊपर लिखित योजनाएं, जिनमें सहायता अभियान भी शामिल है, उन क्षेत्रों में लागू की जाएंगी जिन्हें IDF से ISF को सौंपा जाएगा.
18. एक अंतरधार्मिक संवाद प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि फ़िलिस्तीनियों और इज़रायलियों के बीच सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के मूल्यों पर आधारित मानसिकता और कथानक बदले जा सकें.
19. जैसे-जैसे ग़ाज़ा का पुनर्विकास आगे बढ़ेगा और फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण का सुधार कार्यक्रम सफलतापूर्वक लागू होगा, फ़िलिस्तीनी आत्मनिर्णय और राज्यत्व की दिशा में एक विश्वसनीय रास्ता खुल सकता है.
20. अमेरिका, इज़रायल और फ़िलिस्तीनियों के बीच संवाद स्थापित करेगा ताकि शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए एक राजनीतिक क्षितिज तय किया जा सके.
कतर बोला-हमास हथियार छोड़ देगा
कतर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भरोसा दिला है कि वे हमास को शांति समझौते के लिए राजी कर सकते हैं, जिसमें हथियार छोड़ने और सशस्त्री गतिविधियों को समाप्त करने की शर्त भी शामिल होगी. कतर का कहना है कि उनकी मध्यस्थता से गाजा में तनाव कम करने और फिलिस्तीनी समूह को वार्ता के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी. यह कदम मध्य पूर्व शांति प्रयासों में अहम मोड़ साबित हो सकता है.
नेतन्याहू ने कहा- फिलिस्तीनी देश की डिमांड पूरी तरह पागलपन
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएन डिप्लोमैट से कहा कि फिलिस्तीनी देश की डिमांड पूरी तरह पागलपन है और इसे स्वीकार करना इजरायल के खिलाफ संदेश भेजने जैसा है. उन्होंने इसे शर्म की निशानी भी बताया. नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल किसी भी हाल में फिलिस्तीनी राज्य को अस्तित्व में नहीं आने देगा, और यह अधिकांश इजरायली नागरिकों का रुख भी है. उन्होंने यूएन जांच आयोग के निष्कर्ष को भी खारिज किया, जिसने गाजा में इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया.
सारांश:
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दोहा हमले के लिए माफी मांगी। वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में शांति बहाल करने के लिए नया प्लान पेश किया है। इस घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है।