15 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) चीन ने बुधवार को भारत की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और बैटरी सब्सिडी के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज कराई। चीन का कहना है कि ये सब्सिडी घरेलू निर्माताओं को “अनुचित प्रतिस्पर्धात्मक लाभ” देती हैं और चीन के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाती हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह अपनी घरेलू उद्योगों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए “कड़े कदम” उठाएगा। यह कदम भारत-चीन व्यापार संबंधों में नई चुनौतियों का संकेत दे रहा है।
EVs पर भारत में सबसे ज्यादा सब्सिडी
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया के प्रमुख देशों में इलेक्ट्रिक कारों पर सबसे ज्यादा सब्सिडी देता है। भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली ईवी, Tata Nexon के इलेक्ट्रिक वर्जन के लिए, कुल सब्सिडी (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) लगभग उसकी कीमत का 46 फीसदी है।
इन लाभों में पेट्रोल और डीजल मॉडल की तुलना में कम माल और सेवा कर (GST) और रोड टैक्स शामिल हैं। साथ ही निर्माता को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के माध्यम से अप्रत्यक्ष समर्थन भी मिलता है। रिपोर्ट के अनुसार, इसकी तुलना में चीन के सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल को 10 फीसदी, कोरिया में 16 फीसदी, जर्मनी में 20 फीसदी और अमेरिका व जापान में 26 फीसदी की सब्सिडी मिलती है।
इतनी ज्यादा सब्सिडी के बावजूद, भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) अपनाने की दर बहुत कम रही है। यह कुल वाहन बाजार का केवल 2 फीसदी बनाता है, जो अन्य देशों की तुलना में सबसे कम है।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर जोर
बिजनेस स्टैंडर्ड ने जनवरी में बताया था कि FAME कार्यक्रम के उत्तराधिकारी के रूप में शुरू की गई 2,000 करोड़ रुपये की पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM eDRIVE) योजना के तहत, केंद्र सरकार पब्लिक फास्ट-चार्जिंग स्टेशनों के लिए अपस्ट्रीम इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की लागत का कम से कम 80 फीसदी वहन करेगी। संशोधित नीतिगत ढांचे के अनुसार, विशेष परिस्थितियों में यह सब्सिडी 100 फीसदी तक भी जा सकती है।
इस योजना के तहत, भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) निविदा मिलने के बाद 30 फीसदी सब्सिडी जारी करेगा, तथा इलेक्ट्रिक फास्ट चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के बाद 40 फीसदी सब्सिडी जारी करेगा और स्टेशन के सफल वाणिज्यिक संचालन के बाद शेष राशि जारी करेगा।