24 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : AI के जमाने में एक से बढ़कर एक रिसर्च हो रही हैं। अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, कनाडा जैसे बड़े देशों के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक स्टडी की है। साइंटिस्ट्स ने पाया कि अगर पुरुषों की गर्दन की मोटाई 17 इंच और महिलाओं की 14 इंच से ज्यादा है तो वो डायबिटीज़, हार्ट डिजीज़ या स्लीप डिसऑर्डर के रडार पर हैं। डायबिटीज और बाकी ऑटो इम्यून डिज़ीज़ को लेकर तो एक खबर और आई है। मेडिकल फील्ड में नोबेल प्राइज़ जीतने वाले तीन साइंटिस्ट्स की खोज से ऑटो इम्यून रोगों से जूझ रहे करोड़ो लोगों की दुनिया बदल सकती है। इनकी रिसर्च बताती है कि शरीर का सुरक्षा तंत्र क्यों फेल होता है। जिससे ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ता है और उस डिफेंस सिस्टम को कैसे पुख्ता किया जाए कि टाइप-1 डायबिटीज़, रुमेटाइड आर्थराइटिस, सोराइसिस, मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों का हमला ना हो। ये खोज मेडिकल की दुनिया में बहुत क्रांतिकारी मानी जा रही है। खासकर महिलाओं के लिए क्योंकि ऑटो इम्यून डिजीज़ की ज़्यादा शिकार वही होती हैं। अपने देश में भी ऑटो इम्यून रोगों की 70% शिकार महिलाएं ही हैं।
इम्यून सिस्टम को कैसे बनाएं मजबूत
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसकी बड़ी वजह हार्मोनल चेंजेज, जेनेटिक और उनका खास इम्यून मेकेनिज्म है। जो कई बार बैक फायर कर जाता है यानि बाहरी दुश्मन से लड़ने वाली शरीर की सेना खुद पर ही हमला करने लगती है। तो शरीर की आर्मी बगावत ना करे और सुरक्षा तंत्र अभेद बना रहे इसके लिए स्वामी रामदेव से जानते हैं खास योगिक-आयु्र्वेदिक उपाय।
इम्यून सेंसर खराब, बीमारी की शुरुआत- इम्यूनिटी हेल्दी पार्ट को हमलावर समझ लेती है। फिर हेल्दी पार्ट को ही डैमेज करने लगती है। हेल्दी पार्ट के खिलाफ ही एंटी बॉडी बनाने लगती है।
ऑटोइम्यून डिजीज के क्या हैं लक्षण ?
- मसल्स पेन
- हल्का बुखार
- कंसंट्रेशन में कमी
- नजर कमजोर
- थकान
रूमेटाइड आर्थराइटिस का शरीर पर असर
- ज्वाइंट्स
- आंख
- हार्ट
- नर्व्स
- लंग्स
इम्यून सिस्टम कैसे करता है रक्षा ?
- टॉक्सिन खत्म करता है
- बैक्टीरिया,वायरस से लड़ता है
- शरीर को बाहरी हमले से बचाता है
पैन्क्रियाज रहेंगी हेल्दी
- वर्कआउट करें
- वजन कंट्रोल करें
- स्मोकिंग ना करें
- खूब पानी पीएं
- जंकफूड से बचें
- ज्यादा पेनकिलर ना लें
जोड़ों में दर्द पर परहेज- जिन लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या है उन्हें प्रोसेस्ड फूड, ग्लूटेन फूड, अल्कोहल, ज्यादा चीनी-नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को वजन नहीं बढ़ने देना चाहिए। स्मोकिंग से बचना चाहिए और पॉश्चर सही रखना चाहिए। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए खाने में कैल्शियम बढ़ाएं, 1 कप दूध जरूर पीएं, सेब का
सिरका पीएं, गुनगुने पानी में दालचीनी-शहद मिलाकर पाएं।
गठिया दर्द में मिलेगा आराम- गठिया दर्द के मरीज को गुनगुने सरसों के तेल की मालिश करनी चाहिए। दर्द की जगह
गर्म पट्टी बांधें, गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर सिंकाई करें, 1 दिन में 5 ग्राम से ज्यादा चीना न खाएं। सिर्फ गुनगुना पानी पीएं, सुबह खाली पेट नींबू-पानी लें, लौकी का सूप जूस-सब्जी खाएं, अनाज -चावल कम खाएं। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए रोज 1 चम्मच मेथी पाउडर खाएं, सुबह लहसुन की 2 कली खाएं, गोभी, करेला और लौकी खाएं।
सारांश:
गर्दन की मोटाई कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है, जिसमें ऑटोइम्यून डिजीज भी शामिल है। स्वामी रामदेव ने बताया कि सही खान-पान, योग और जीवनशैली सुधार से इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
