26 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) सोमवार को सोने का भाव करीब $4,130 के आसपास रहा। अमेरिका से आए कमजोर आर्थिक आंकड़ों की वजह से बाजार में यह उम्मीद बढ़ गई है कि फेडरल रिजर्व दिसंबर में ब्याज दरें कम कर सकता है। अमेरिका में रिटेल सेल्स सिर्फ 0.2% बढ़ीं, यानी खरीदारी बहुत कम हुई। कोर PPI घटकर 2.6% हो गया। इसके साथ ही कंज्यूमर कॉन्फिडेंस गिरकर 88.7 पर आ गया। ADP डेटा के अनुसार, पिछले महीने में निजी क्षेत्र में हर हफ्ते लगभग 13,500 नौकरियां गईं, जिससे आर्थिक चिंताएं और बढ़ीं।

इन आंकड़ों के बीच, सोने की कीमत एक बार बढ़कर $4,159/oz तक पहुंच गई, जो पिछले एक हफ्ते का सबसे ऊंचा स्तर था। Kotak Securities की कायनात चैनवाला (AVP, Commodity Research) के अनुसार,
अब बाजार को 85% यकीन है कि फेडरल रिजर्व दिसंबर में ब्याज दरें कम करेगा। लेकिन यूक्रेन में शांति वार्ता की उम्मीद और महंगाई कम होने की संभावना की वजह से सोना बहुत ज्यादा नहीं बढ़ पाया। बुधवार सुबह के कारोबार में सोना थोड़ा और बढ़कर $4,165/oz तक पहुंच गया है। अब बाजार की नजर US Durable Goods Orders और Jobless Claims के नए आंकड़ों पर है। फेड के दो अधिकारियों मिरान और वॉलर के हाल के बयान बताते हैं कि फेड आगे और भी ब्याज दरें घटाने की तरफ झुक सकता है।

क्रूड ऑयल दबाव में, रूस-यूक्रेन वार्ता से सप्लाई बढ़ने की आशंका

मंगलवार को क्रूड ऑयल की कीमत में जोरदार गिरावट आई। WTI क्रूड की कीमत गिरकर $57.1/bbl तक पहुंच गई, जो पिछले 5 हफ्तों में सबसे कम थी। हालांकि बाद में थोड़ी तेजी आई और तेल $58/bbl पर बंद हुआ। तेल गिरने की बड़ी वजह यह थी कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता आगे बढ़ने की खबरें आईं। इससे बाजार में उम्मीद बनी कि रूस पर लगे तेल और गैस के निर्यात वाले प्रतिबंध कम किए जा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो बाजार में तेल की सप्लाई बढ़ जाएगी, इसलिए कीमत पर दबाव आया। इसके बावजूद, डॉलर कमजोर होने और अमेरिका में ब्याज दर कम होने की उम्मीद बढ़ने से तेल को थोड़ी सहारा मिला।

आज सुबह के कारोबार में तेल थोड़ा बढ़कर $58.20/bbl पर पहुंच गया। इसकी वजह यह है कि अब बाजार को शक है कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता जल्द नहीं हो पाएगा। दोनों देश अभी भी एक-दूसरे की ऊर्जा से जुड़ी जगहों पर हमले कर रहे हैं, जिससे बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है।

इसी बीच, ट्रेडर्स की नजर अब EIA की इन्वेंटरी रिपोर्ट पर है। API के ताजा आंकड़ों में बताया गया है कि अमेरिका में 1.9 मिलियन बैरल तेल का स्टॉक कम हुआ है, जबकि पिछले हफ्ते 4.4 मिलियन बैरल का इजाफा हुआ था। यह दिखाता है कि आने वाले दिनों में अमेरिका में तेल की मांग थोड़ी बेहतर हो सकती है।

Bharat Baani Bureau

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