26 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर ये मान लिया है कि अब अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के रिश्ते कभी ठीक नहीं हो सकते हैं. तालिबान से जंग में मुंह की खाई, फिर सोते हुए बच्चों को मौत के घाट उतारने के बाद भी पाकिस्तान की हालत खराब है. तभी तो वहां के रक्षा मंत्री ने सीधे-सीधे मान लिया है कि अफगानिस्तान के मामले में पाकिस्तान की एक नहीं चल रही है और दोनों देशों के रिश्ते सुधरने की गुंजाइश धीरे-धीरे खत्म हो गई है.
ख्वाजा आसिफ का ये बयान ऐसे वक्त में आया है, जब दोनों देशों के बीच अक्टूबर से ही चल रहे तनाव के बाद कायदे से युद्धविराम तक नहीं हो पा रहा है. तीन दौर की वार्ताएं असफल हो गईं क्योंकि पाकिस्तान अपने घरेलू हालात का जिम्मेदार अफगानिस्तान को ठहरा है. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा है कि जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया, तो उन्होंने खुद उनका स्वागत किया था और कई बार अफगानिस्तान के दौरे भी किए. हालांकि इन यात्राओं से न कोई फायदा हुआ, न कोई सफलता मिली.
अब कोई उम्मीद नहीं बची …
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद थी कि तालिबान सरकार उस पर निर्भर रहेगी और इस तरह इस्लामाबाद का अफगानिस्तान पर पुराना प्रभाव बना रहेगा. हालांकि हुआ इसके बिल्कुल उलट और तालिबान ने पाकिस्तान की उम्मीदों को पूरी तरह निराश कर दिया. ख्वाजा आसिफ के मुताबिक अब पाकिस्तान की पूरी उम्मीद खत्म हो चुकी है और तालिबान से किसी तरह के सकारात्मक बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं बची है.
भारत-अफगानिस्तान के रिश्ते से भड़का पाकिस्तान
ख्वाजा आसिफ का ये बयान साफ तौर पर दिखाता है कि उनकी झल्लाहट इस बात की है कि जिस तालिबान को वो अपने प्रभाव में लेना चाहते थे, उसकी अपनी डिप्लोमेसी है. अफगानिस्तान के मंत्री और प्रतिनिधि भारत के दौरे पर आते हैं और दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं. यही वजह है कि पाकिस्तान को अब कहीं न कहीं ये लगने लगा है कि इस्लाम के नाम पर उसकी गतिविधियों में साथ देने के बजाय अफगानिस्तान विकास के रास्ते पर जाना चाहता है. यही बात उसे पच नहीं रही है, जिसकी वजह से वो कभी अफगानिस्तान पर हमला करता है तो कभी खुलकर तालिबान और भारत के रिश्तों का विरोध.
सारांश:
पाकिस्तान आखिरकार तालिबान के दबाव के आगे झुकता दिख रहा है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि अफगान तालिबान के खिलाफ पाकिस्तान अब सख्त कदम नहीं उठा पाएगा। सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ और हमलों के बावजूद सरकार की मजबूरी उजागर करते हुए आसिफ ने कहा कि तालिबान पर दबाव बनाने की पाकिस्तान की क्षमता सीमित हो चुकी है। इस बयान ने पाकिस्तान की सुरक्षा नीति और पड़ोसी देश के साथ उसके रिश्तों की कमजोरी को फिर सामने ला दिया है।
