01 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : ढाका की स्पेशल जज कोर्ट ने सोमवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भ्रष्टाचार के एक पुराने मामले में 5 साल की कैद सुनाई. उनकी बहन शेख रेहाना को 7 साल और भांजी व ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप सिद्दीक को 2 साल की सजा दी गई. तीनों कोर्ट में मौजूद नहीं थीं, फैसले के बाद उन पर 1–1 लाख टका का जुर्माना भी लगाया गया. यह मामला राजुक पूर्बांचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट में 10 कट्ठा प्लॉट के गैर-कानूनी आवंटन से जुड़ा है, जिसमें कुल 17 लोगों के खिलाफ केस दर्ज था. आरोप है कि हसीना ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन आवंटन में नियम तोड़े. कोर्ट ने कहा कि प्लॉट उन्हें उस समय मिला जब हसीना प्रधानमंत्री थीं और अधिकारियों पर ‘दबाव’ डाला गया.
यह फैसला ऐसे समय आया है जब हसीना पहले ही ‘इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल’ से मानवता के विरुद्ध अपराधों के मामले में मौत की सजा पा चुकी हैं और पिछले हफ्ते एक अन्य भ्रष्टाचार केस में 21 साल जेल की सजा भी सुनाई जा चुकी है. अगस्त 2024 में छात्रों और विपक्ष के बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद वह देश छोड़कर भारत आ चुकी हैं.
हसीना ने क्या किया पलटवार?
सजा सुनाए जाने के बाद हसीना ने बयान जारी कर कहा, ‘कोई देश पूरी तरह भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं होता, लेकिन जांच निष्पक्ष होनी चाहिए. ACC अब एक पक्षपाती और नियंत्रित संस्था बन गई है, जिसे विपक्ष की बिना चुनी हुई सरकार चला रही है. यह पूरा अभियान अवामी लीग को दबाने और राजनीतिक बदले की कार्रवाई के अलावा कुछ नहीं.’ उन्होंने मोहम्मद यूनुस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि अंतरिम सरकार में भाई-भतीजावाद और पक्षपात चरम पर है, लेकिन उसकी जांच नहीं की जा रही. हसीना का आरोप है कि यूनुस ACC का इस्तेमाल अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने और अवामी लीग को कमजोर करने में कर रहे हैं. हसीना ने यह भी दावा किया कि यूनुस ने अगले साल होने वाले चुनावों में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाकर ‘करोड़ों लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिया’.
अंतरराष्ट्रीय असर को लेकर भी चेतावनी
हसीना ने कहा कि जिस तरह से विपक्ष ‘दमनकारी तरीके’ से कार्रवाई कर रहा है, उससे बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय छवि और विदेशी व्यापारिक संबंधों पर बड़ा असर पड़ सकता है. वहीं ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप सिद्दीक, जिन पर हसीना के कार्यकाल में प्लॉट पाने के लिए प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप है, पहले ही इन आरोपों को ‘पूरी तरह राजनीतिक’ बता चुकी हैं. उन्होंने साल की शुरुआत में वित्तीय जांच के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
सारांश:
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पहले फांसी और अब 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। यह किसी महत्वपूर्ण कानूनी मामले से जुड़ा है जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया। मामले में पूर्व पीएम ने भी उनका कड़ा विरोध किया।
