03 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : बाबरी मस्जिद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चौंकाने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा कि देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सरकारी धन का इस्तेमाल कर बाबरी मस्जिद बनाना चाहते थे. राजनाथ सिंह ने यह भी दावा किया तब सरदार वल्लभभाई पटेल ने उन्हें ऐसा करने से रोका था. रक्षा मंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ ताकतें हैं जो सरदार पटेल की विरासत मो मिटाना चाहते हैं. बता दें कि यूनिटी मार्च 26 नवंबर को शुरू हुआ था. 6 दिसंबर 2025 को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर इसका समापन होगा.
साधली गांव में आयोजित ‘यूनिटी मार्च’ कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अयोध्या में बाबरी मस्जिद को सरकारी धन से बनवाना चाहते थे, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसका विरोध किया और यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई. उन्होंने दावा किया कि सरदार पटेल ने साफ कहा था कि धार्मिक स्थलों के लिए सरकारी पैसे का उपयोग नहीं होना चाहिए. राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि जब सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का मामला उठा तो पटेल ने स्पष्ट बताया कि इसके लिए जनता ने 30 लाख रुपये दान दिए थे और इसमें सरकारी धन का एक भी रुपया नहीं लगा.
यही है असली सेक्युलरिज्म– राजनाथ सिंह
कश्मीर और हैदराबाद पर पटेल की भूमिका
राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर कश्मीर के विलय के समय पटेल की बात मानी गई होती, तो कश्मीर मुद्दा इतना लंबा न चला होता. उन्होंने बताया कि पटेल समस्याओं को बातचीत से हल करने में विश्वास रखते थे, लेकिन जरूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटते थे. जैसे हैदराबाद के विलय के समय. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भी इसी नीति को अपनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए दुनिया को भारत की क्षमता दिखाई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाना कोई छोटा कदम नहीं था. इससे कश्मीर वास्तव में भारत की मुख्यधारा से जुड़ा. उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया से अपने शर्तों पर बात कर रहा है और एक बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है.
सारांश:
राजनाथ सिंह ने दावा किया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकारी धन से बाबरी मस्जिद बनवाना चाहते थे, लेकिन बाद में किसी ने इस कदम को रोक दिया। यह बयान राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है और इतिहास से जुड़े विवादों को फिर से सामने ले आया है।
