29 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच रविवार को हुई अहम मुलाकात के बाद यूक्रेन युद्ध को लेकर उम्मीदें तेज हो गई हैं. दोनों नेताओं ने कहा है कि युद्ध खत्म करने के समझौते के बेहद करीब पहुंच चुके हैं, हालांकि अब भी एक-दो ऐसे मुद्दे हैं जो सबसे ज्यादा उलझे हुए हैं. यह बातचीत अमेरिका के फ्लोरिडा में ट्रंप के मार ए लागो रिसॉर्ट में हुई, जहां दोनों नेताओं ने करीब तीन घंटे तक बंद कमरे में चर्चा की और बाद में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की.
बातचीत पर क्या बोले ट्रंप-जेलेंस्की
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि कुछ ही हफ्तों में यह साफ हो जाएगा कि शांति वार्ता सफल होगी या नहीं. उनके मुताबिक बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और दोनों पक्षों के बीच भरोसा बढ़ा है. जेलेंस्की ने भी इसे सकारात्मक बैठक बताया और कहा कि शांति के ढांचे पर अहम सहमति बन चुकी है. सबसे बड़ा दावा सुरक्षा गारंटी को लेकर किया गया. जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर पूरी सहमति बन गई है. वहीं ट्रंप ने कहा कि इस पर करीब 95 फीसदी सहमति हो चुकी है और यूरोपीय देश इसमें बड़ी भूमिका निभाएंगे, जबकि अमेरिका उनका समर्थन करेगा. दोनों नेताओं ने माना कि बिना मजबूत सुरक्षा गारंटी के स्थायी शांति संभव नहीं है.
किस बात पर नहीं बन पाई सहमति?
हालांकि दोनों नेताओं ने माना कि डोनबास क्षेत्र को लेकर अब भी सहमति नहीं बन पाई है. रूस चाहता है कि यूक्रेन अपनी सेना को डोनबास से पूरी तरह हटा ले, जबकि यूक्रेन इसके लिए तैयार नहीं है. ट्रंप ने कहा कि यह बेहद कठिन मुद्दा है, लेकिन इस पर भी बातचीत आगे बढ़ रही है. जेलेंस्की ने साफ किया कि यूक्रेन जिस इलाके पर नियंत्रण रखता है, वह उसे छोड़ने का फैसला केवल जनता की सहमति से ही कर सकता है और इसके लिए जनमत संग्रह का विकल्प खुला है.
मीटिंग से पहले ट्रंप ने की पुतिन से बातचीत
इस बैठक से ठीक पहले ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच भी फोन पर बातचीत हुई थी. ट्रंप ने इसे उपयोगी बताया, जबकि क्रेमलिन ने इसे दोस्ताना बातचीत कहा. रूस की तरफ से कहा गया कि यूरोप और यूक्रेन की ओर से प्रस्तावित 60 दिन का युद्धविराम युद्ध को लंबा कर सकता है और डोनबास पर फैसला जल्द होना चाहिए. रूस ने यह भी बताया कि आर्थिक और सुरक्षा मुद्दों पर काम करने के लिए संयुक्त कार्य समूह बनाने पर सहमति बनी है.
मीटिंग के दौरान यूक्रेन पर होते रहे हमले
यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब रूस ने कीव और अन्य यूक्रेनी इलाकों पर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. इन हमलों से कीव में बिजली और हीटिंग व्यवस्था प्रभावित हुई. जेलेंस्की ने इन हमलों को शांति प्रयासों पर दबाव बनाने की कोशिश बताया, जबकि ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि पुतिन और जेलेंस्की दोनों ही शांति को लेकर गंभीर हैं.
बातचीत में जापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट का मुद्दा भी उठा. अमेरिका ने इस पर साझा नियंत्रण का प्रस्ताव रखा है और वहां बिजली लाइनों की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है. अमेरिका और यूक्रेन के बीच 20 बिंदुओं की शांति योजना पर भी चर्चा हुई, जिसमें करीब 90 फीसदी मुद्दों पर सहमति बताई जा रही है.
क्या यूक्रेन जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप?
ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर उनके यूक्रेन जाने से युद्ध खत्म होता है तो वह यूक्रेन जाने और वहां की संसद को संबोधित करने के लिए भी तैयार हैं. हालांकि उन्होंने इसे फिलहाल जरूरी नहीं बताया. जेलेंस्की ने उन्हें यूक्रेन आने का न्योता दिया. इस पूरी प्रक्रिया में यूरोपीय देशों की भूमिका भी बढ़ रही है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ जेलेंस्की की फोन पर बातचीत हुई है और आगे यूरोपीय नेताओं के साथ संयुक्त कॉल की योजना है.
सारांश:
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ी कूटनीतिक प्रगति के संकेत मिले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच करीब 3 घंटे तक चली अहम बैठक में शांति प्रक्रिया से जुड़े लगभग 95 फीसदी मुद्दों पर सहमति बन गई है। बैठक में युद्धविराम, सुरक्षा गारंटी, क्षेत्रीय स्थिरता और भविष्य की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। हालांकि कुछ संवेदनशील बिंदुओं पर अभी बातचीत जारी है, लेकिन इसे युद्ध समाप्ति की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
