बाबा बकाला साहिब 20 अगस्त 2024 : रक्खड़ पुन्या मेले में सांसद अमृतपाल सिंह खालसा के समर्थकों की ओर से पंथक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें उनके पिता तरसेम सिंह, फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह, सुखविंदर सिंह, चमकौर सिंह धुन्ना, जुझार सिंह, जसकरण सिंह, दलजीत सिंह ने अपने विचार रखे।

समर्थकों ने लगाए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे

इस आयोजन में खास बात यह रही कि पंथक कहलवाने वाले नेताओं को अमृतपाल की टीम ने आमंत्रण नहीं दिया था। अकालियों के बागी धड़े की ओर से चाहे भाई मंजीत सिंह भूरा कोहना हाजिर हुए, पर उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया गया। रैली में आए अमृतपाल के समर्थकों ने बार-बार खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।

सम्मेलन में सात प्रस्ताव हुए पारित

सांसद व वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह ने डिब्रूगढ़ जेल से सिख कौम के नाम संदेश सभी को सुनाया। सम्मेलन में सात प्रस्ताव पारित किए गए। नेताओं ने मंच से कहा कि एसजीपीसी व शिअद सिखों की कुर्बानियों व बलिदान के माध्यम से अस्तित्व में आए थे।

ये संस्थाएं किसी परिवार या धड़े के बजाय पंथ की सांझी अमानत हैं। इस कारण एसजीपीसी चुनाव साझे सहयोग से लड़े जाएं। जब शासकों ने उनके अस्तित्व को निशाना बनाया हुआ है तो हमारा फर्ज बनता है कि हम सभी मतभेद भुलाकर पंथ की चढ़दी कला के लिए काम करें।

उन्होंने कहा कि जिस तरह हमारे पुरातन अकाली योद्धाओं ने इतिहास में कौम की ताकत को अकाली जत्थों के रूप में संगठित करके महंतों से गुरु धाम आजाद करवाए थे।

उसी तर्ज पर हमें भी एकजुट होकर कौम की ताकत को गांव स्तर पर अकाली जत्थों के रूप में संगठित करके श्री अकाल तख्त सहित गुरु धामों व संस्थाओं को आजाद करवाने के प्रयास करने चाहिए। यही अकाली जत्थे आगामी एसजीपीसी के चुनाव के अलावा शिअद के सैद्धांतिक पुनर्सृजन करने के लिए ताकत बनेंगे

Bharat Baani Bureau

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