12 सितम्बर 2024 : फिनटेक कंपनी Paytm के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने गुरुवार को घोषणा की कि कंपनी अब अपने मुख्य व्यवसाय, यानी पेमेंट्स और वित्तीय सेवाओं की क्रॉस-सेलिंग पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसका उद्देश्य जल्द ही मुनाफे की दिशा में कदम बढ़ाना है।
Paytm की सालाना आम बैठक (AGM) में शर्मा ने कहा, “पिछले छह महीनों ने हमें कई अहम सबक सिखाए हैं। हमें अपनी व्यापार प्रक्रियाओं, अनुपालन और संचालन का गहराई से मूल्यांकन करने का मौका मिला। अब मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि हमने एक ‘कंप्लायंस-फर्स्ट’ दृष्टिकोण अपनाया है, जिससे हमारा व्यवसाय हर नियम का पालन पूरी तरह से करता है, न केवल कागज पर बल्कि असलियत में भी।”
शर्मा ने कहा, “कोर पेमेंट्स बिजनेस के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के साथ, हम जल्द ही PAT (टैक्स के बाद मुनाफा) प्राप्त करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।” शर्मा का यह बयान उस समय आया है जब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फरवरी में Paytm की पेमेंट्स बैंक शाखा को नए डिपॉजिट या वॉलेट में धनराशि जमा करने पर रोक लगाने का आदेश दिया था। यह रोक मार्च से लागू हुई।
हालांकि, शर्मा ने स्पष्ट किया कि Paytm जल्द ही RBI से पेमेंट्स एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन करेगा। कंपनी को हाल ही में भारत सरकार से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की मंजूरी भी मिल चुकी है, जो कंपनी के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Paytm अपने प्रोडक्ट्स, बिजनेस और ऑपरेशन्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रहा है। शर्मा ने कहा, “इनमें से कुछ तकनीकें इतनी उन्नत हैं कि ये खुद अपने आप में एक पूरा बिजनेस बन सकती हैं। फिर भी, हम अपने कोर पेमेंट्स बिजनेस और वित्तीय सेवाओं की क्रॉस-सेलिंग पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।”
Paytm 40 मिलियन व्यापारियों को सेवाएं दे रहा है और इसका लक्ष्य 100 मिलियन तक पहुंचने का है। कंपनी की रणनीति में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर वित्तीय सेवाएं जैसे लोन, बीमा, और म्युचुअल फंड्स प्रदान करना शामिल है, जिससे इसका बाजार विस्तार हो सके और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिले। कंपनी के संस्थापक और सीईओ विजय शर्मा ने इस दिशा में अपनी योजनाओं का जिक्र किया।
नोएडा स्थित यह कंपनी FY25 की पहली तिमाही में 839 करोड़ रुपये के नुकसान की रिपोर्ट कर चुकी है। यह नुकसान मुख्य रूप से पेमेंट्स बैंक पर लगे प्रतिबंधों के प्रभाव से हुआ है। इसके अलावा, भुगतान और वित्तीय सेवाओं के कारोबार से होने वाली आय में भी कमी आई है, जिसके कारण कंपनी का कुल राजस्व साल-दर-साल 33.5 प्रतिशत घटकर 1,639.1 करोड़ रुपये रह गया।