International, 5 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) – अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चीन के खिलाफ व्यापार शुल्क बढ़ाने की नीतियों ने भारत के लिए निर्यात बढ़ाने का अहम अवसर प्रदान किया है। भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल्स, ऑटो पार्ट्स और केमिकल्स जैसे क्षेत्रों पर फोकस करते हुए निर्यात बढ़ाने की रणनीति बनाई है।

सरकार, ट्रंप की नीतियों से बने इस अवसर का लाभ उठाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन और नीतिगत सुधारों पर तेजी से काम कर रही है। ट्रंप द्वारा चीन से आयातित कुछ उत्पादों पर 10-20% और कुछ पर 60% तक शुल्क बढ़ाने की योजना से भारतीय उत्पादों की अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। हालांकि, स्टील जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी संरक्षणवादी नीतियों के चलते भारत को सीमित लाभ मिलेगा।

अप्रैल-सितंबर 2024 के प्रमुख निर्यात आंकड़े (अमेरिका को):

  • इलेक्ट्रॉनिक्स: $5.7 बिलियन (17.6% वृद्धि)
  • फार्मास्युटिकल्स: $4.5 बिलियन (17.4% वृद्धि)
  • जैविक रसायन: $1.2 बिलियन (7.7% वृद्धि)
  • ऑटो पार्ट्स: $0.16 बिलियन
  • अजैविक रसायन: $6.0 मिलियन

सरकार की तैयारी:
भारत सरकार ने उत्पाद-विशेष विश्लेषण शुरू कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि भारत को इन क्षेत्रों में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा, “ट्रंप की व्यापार नीतियों से अमेरिका में बड़े बदलाव होंगे। अगर भारत सही तैयारी करे, तो यह हमारे लिए आर्थिक प्रगति का अवसर बन सकता है।”

चीन की प्रतिक्रिया:
सरकार चीन की संभावित प्रतिक्रिया, जैसे युआन का अवमूल्यन, पर कड़ी नजर रख रही है ताकि अपनी व्यापार रणनीति को समय पर समायोजित किया जा सके। हालांकि ट्रंप ने भारत को “हाई टैरिफ नेशन” कहा है, उनका मुख्य फोकस उन देशों पर है जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा अधिक है। भारत शीर्ष घाटे वाले देशों में शामिल नहीं है, जो भारत के लिए राहत की बात है।

सारांश – डोनाल्ड ट्रंप की चीन के खिलाफ व्यापार शुल्क बढ़ाने की नीतियों से भारत को निर्यात बढ़ाने का मौका मिला है। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल्स, ऑटो पार्ट्स और केमिकल्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने इसे भारत के लिए आर्थिक प्रगति का अवसर बताया।

सरकार चीन की प्रतिक्रिया, जैसे युआन अवमूल्यन, पर नजर रख रही है। हालांकि ट्रंप ने भारत को “हाई टैरिफ नेशन” कहा है, भारत शीर्ष व्यापार घाटा वाले देशों में शामिल नहीं है, जिससे राहत की स्थिति बनी हुई है।

Bharat Baani Bureau

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