21 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो )प्रयागराज. महाकुंभ में पीपे के पुल लाइफलाइन हैं. संगम क्षेत्र और अखाड़ा क्षेत्र के बीच पीपे के पुल ही आवागमन के मार्ग हैं. पूरे मेला क्षेत्र में 30 लोहे के पुल बने हैं. लोगों के मन में यह बात जरूर आ रही होगी कि मेला खत्‍म होने के बाद इन लोहे के पुलों को क्‍या होगा. ये यहीं रहेंगे, या फिर हटा दिया जाएगा. अगर हटा दिया जाएगा तो पीपों को रखा कहां जाएगा. आइए जानते हैं कि मेले के बाद इनका क्‍या किया जाएगा.

मेला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार मेला खत्‍म होने के बाद इन पुलों का रखने का कोई मतलब नहीं होगा. क्‍योंकि इनका उपयोग नहीं रहेगा. इनके मेंटीनेंस में भी खर्च आता है. साथ ही इनकी चौबीसों घंटे निगरानी करनी होती है. महाकुंभ समाप्‍त होने के बाद इन पुलों को अलग कर सुरक्षित स्थानों पर रखा जाएगा. कुछ पुलों (पीपों) को सराइनायत (कनिहार), त्रिवेणीपुरम और परेड ग्राउंड, प्रयागराज में रखा जाएगा. अर्धकुंभ में इस्‍तेमाल किया जा सकता है. वहीं, कुछ को उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में अस्थायी पुलों के रूप में उपयोग किया जा सकता है.

Bharat Baani Bureau

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