26 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो): किचन में पाई जाने वाली सौंफ एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है. सौंफ में कई आयुर्वेदिक गुण होते हैं जिसे खाने से परेशानियां दूर होती हैं. यह पाचन, सांसों की ताजगी, वजन कंट्रोल करने और हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है. इसका सीमित प्रयोग विभिन्न प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं और लोगों को स्वास्थ्य लाभ होता है. आयुर्वेद में इसके कई गुण बताए गए हैं. इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक होते हैं. इसका सेवन मधुमेह को नियंत्रित करने में भी मदद करता है. इसमें गैलेक्टोजेनिक गुण भी पाए जाते हैं, जो दूध के स्राव को बढ़ाने में मदद करता है.
आयुर्वेद चिकित्सक ने दी जानकारी
सौंफ के बारे में आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर प्रज्ञा सक्सेना ने लोकल 18 को बताया, कि आयुर्वेद में सौंफ का दीपनिया गुण बताया गया है, दीपनिया गुण के कारण यह हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर करती है. पाचन को दुरुस्त करती है और इसके साथ ही वजन को कम करने में भी सहायक होती है. इसमें कैल्शियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती है. आगे वे बताती हैं, कि अगर एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ को रात में भिगो दिया जाए और सुबह इसके पानी का प्रयोग किया जाए तो पाचन तंत्र के लिए यह अच्छी होती है.
सौंफ के इतने हैं लाभ
आगे चिकित्सक ने बताया, कि आयुर्वेद में सौंफ के उपयोग को लेकर कई विधि बताई गई हैं. वहीं, यह त्वचा के लिए लाभकारी होती है. आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद करती है. सौंफ में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. आगे उन्होंने बताया, कि सौंफ खाने के बाद चबाने से सांसों की ताजगी बनी रहती है. इसका पानी पीने से पाचन में सुधार होता है. इसे भोजन या चाय में मिलाकर भी इस्तेमाल किया जाता है. सौंफ का चूर्ण का भी प्रयोग किया जाता है, जिससे कई प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं. इतना ही नहीं आगे वे बताती हैं, कि सौंफ वात तथा पित्त को शांत करती है और भूख बढ़ाती है.
सारांश: आयुर्वेद में सौंफ का सेवन काफी लाभकारी माना गया है. इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं. ऐसे में आयुर्वेदिक चिकित्सक से जानते हैं, इसके लाभ और उपयोग की विधि के बारे में