09 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में अब सफर और भी सुरक्षित होने जा रहा है. रेलवे बोर्ड ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि मुंबई सबअर्बन नेटवर्क के लिए अब जो भी नई लोकल ट्रेनें बनाई जाएंगी, उनमें ऑटोमैटिक डोर क्लोजर (अपने आप बंद होने वाले दरवाज़े) की सुविधा दी जाएगी.
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान में चल रही सभी लोकल ट्रेनों को भी फिर से डिज़ाइन किया जाएगा, ताकि उनमें भी यह सुविधा जोड़ी जा सके. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, खासकर ट्रेन के चलने और रुकने के दौरान जब हादसों का खतरा बढ़ जाता है.
ठाणे रेल हादसे के बाद लिया गया फैसला
रेलवे का यह निर्णय ऐसे वक्त सामने आया है, जब ठाणे जिले के मुंब्रा स्टेशन पर एक दर्दनाक हादसा सामना आया. सोमवार सुबह यहां एक चलती लोकल ट्रेन से 10 से ज्यादा यात्री गिर गए, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 6 अन्य लोग घायल हो गए.
रेलवे और पुलिस के मुताबिक, CSMT जा रही लोकल ट्रेन में अत्यधिक भीड़ के चलते यह हादसा हुआ. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जब ट्रेन मुंब्रा स्टेशन से गुजर रही थी, उसी समय कुछ यात्री ट्रेन से गिर पड़े. सभी घायलों को तत्काल कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल ले जाया गया.
रेल प्रशासन और जांच में जुटी टीमें
हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंच गई और पूरे घटनाक्रम का जायज़ा लिया. सेंट्रल रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘हादसे का कारण ट्रेन में अत्यधिक भीड़ माना जा रहा है. घायलों को नज़दीकी अस्पताल भेजा गया है और दुर्घटना की जांच शुरू हो गई है.’ इस दुर्घटना के चलते कुछ समय के लिए लोकल सेवाएं भी प्रभावित हुईं.रेलवे अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी स्तर पर बदलाव किए जाएंगे और ऑटोमैटिक दरवाज़ों जैसी सुविधाएं अब सभी ट्रेनों का हिस्सा होंगी. यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम मुंबई लोकल के भविष्य को और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है.
सारांश:
ठाणे रेल हादसे के बाद रेलवे ने सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब लोकल ट्रेनों में मेट्रो जैसी ऑटोमैटिक गेट लगाने की योजना बनाई गई है, जिससे चलती ट्रेन से गिरने की घटनाएं रोकी जा सकें। यह बदलाव यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा और जरूरी सुधार माना जा रहा है। जल्द ही इसका ट्रायल शुरू होने की उम्मीद है।