11 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) अमेरिका और भारत के तनावपूर्ण रिश्तों को पटरी पर लाने का जिम्मा अब सर्जियो गोर पर होगा, जिन्हें अमेरिका ने भारत के लिए नया राजदूत नियुक्त किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के लिए नए राजदूत सर्जियो गोर (Sergio Gor) के शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा उम्मीद जताई कि वे दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर करेंगे. उन्होंने कहा – ‘मैं सर्जियो पर भरोसा कर रहा हूं कि वे हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संबंधों में से एक – भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेंगे.यह बहुत बड़ी बात है.’
ट्रंप ने आगे कहा कि भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, और अब यह दुनिया का सबसे बड़ा देश है, जहां 1.5 अरब से अधिक लोग रहते हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका और भारत के बीच शानदार रिश्ते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनका बहुत अच्छा संबंध है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि सर्जियो गोर पहले से ही मोदी के साथ दोस्ती कर चुके हैं और यह रिश्ता और मजबूत होगा.
भारत पर घटेंगे टैरिफ …
जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भारत के साथ व्यापारिक समझौते की प्रगति और टैरिफ (आयात शुल्क) घटाने की संभावना पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा – ‘अभी भारत पर टैरिफ बहुत ज्यादा हैं क्योंकि उन्होंने रूसी तेल का इस्तेमाल काफी कम कर दिया है. पहले भारत रूस से तेल ले रहा था, लेकिन अब इसे काफी हद तक घटा दिया गया है. इसलिए हम जल्द ही भारत पर लगे टैरिफ घटाने जा रहे हैं, किसी समय पर हम इन्हें कम करेंगे. अपने इस बयान से ट्रंप ने इशारा किया कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों में सुधार के साथ आने वाले समय में आयात शुल्क में कमी की जा सकती है.
भारत हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है
उन्होंने भारत को दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ मध्यमवर्गीय देश बताया और कहा कि यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सामरिक साझेदार है. ट्रंप ने कहा कि बतौर राजदूत सर्जियो गोर का काम होगा – दोनों देशों के रिश्ते को और मजबूत करना, अमेरिकी उद्योगों और तकनीकी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना, अमेरिकी ऊर्जा निर्यात को बढ़ाना और सुरक्षा सहयोग का विस्तार करना. राजदूत के रूप में सर्जियो हमारे दोनों देशों के रिश्ते को और मजबूत करेंगे, अमेरिकी उद्योगों और तकनीकी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देंगे, अमेरिकी ऊर्जा निर्यात में वृद्धि करेंगे, और हमारे सुरक्षा सहयोग को विस्तार देंगे.
