मंडी 03 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर के 23 वर्षीय सोमेश राणा ने आई कॉम्पीट नेचुरल चैंपियनशिप (आईसीएन) में तीन गोल्ड मेडल और दो प्रो कार्ड जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. सोमेश राणा के पिता भूप सिंह मंडी शहर में सब्जी विक्रेता का काम करते हैं.

यह चैंपियनशिप 27 से 29 नवंबर तक गोवा में आयोजित हुई थी जिसमें विश्वभर से आए 1200 बॉडी बिल्डरों ने भाग लिया था. सोमेश ने एमेच्योर में मैन फिजिक और मैन क्लासिक फिजिक में तीन गोल्ड मेडल जीते जबकि यहीं पर प्रोफेशनल में अपना डेब्यू करते हुए ओवरऑल में थर्ड और सेकेंड प्लेस हासिल करके दो प्रो कार्ड भी जीते. इन प्रो कार्ड के दम पर अब सोमेश 2026 तक किसी भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग ले सकता है. सोमेश बीते 8 वर्षों से बतौर बॉडी बिल्डर प्रेक्टिस कर रहा है. मौजूदा समय में वह क्लब 55 जिम में प्रेक्टिस कर रहा है. मेडल जीतने के बाद वापिस मंडी पहुंचने पर सोमेश का जिम में जोरदार स्वागत किया गया. सोमेश ने बताया कि उसका अगला टारगेट किसी भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेकर मेडल जीतने का है, ताकि अपने शहर, प्रदेश और देश का नाम दुनिया भर में रोशन कर सके.

सोमेश को सरकार के सहयोग की दरकार

क्लब 55 जिम के फाउंडर अमित शर्मा और सोच फाउंडेशन के संस्थाक राजा सिंह मल्होत्रा सहित शहर के लोगों ने सोमेश को इस कामयाबी के लिए बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं. सोच फाउंडेशन के संस्थापक राजा सिंह मल्होत्रा ने कहा कि सोमेश ने जो मुकाम हासिल किया है वो दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. उन्होंने भविष्य में सोमेश को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाते हुए प्रदेश सरकार से भी ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं को सहयोग करने की अपील की.

क्या है आई कॉम्पीट नेचुरल चैंपियनशिप

आईसीएन यानी आई कॉम्पीट नेचुरल नाम से एक विश्वव्यापी फेडरेशन है जो बॉडीबिल्डिंग और फिटनेस से संबंधित प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाता है. इसमें सिर्फ वही प्रतिभागी भाग ले सकते हैं जिन्होंने नेचुरल तरीके से अपनी बॉडी बनाई होती है. इसमें सभी प्रतिभागियों के टेस्ट होते हैं. यदि किसी ने स्टेरॉयड आदि का सहारा लेकर बॉडी बनाई है तो उसे इसमें शामिल नहीं किया जाता. मंडी निवासी सोमेश राणा बीते 8 वर्षों से न सिर्फ नेचुरल बॉडी बना रहे हैं बल्कि दूसरों को स्टेरॉयड आदि से दूर रहने का संदेश देने का कार्य भी कर रहे हैं. साथ ही सोमेश युवाओं से नशे जैसी बुराई से दूर रहकर अपनी फिटनेस पर ध्यान देने का आहवान भी करते रहते हैं.

सारांश:
सब्जी बेचने वाले के बेटे ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद 8 साल की कड़ी मेहनत से बॉडी बिल्डिंग में बड़ा मुकाम हासिल किया। उसने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दुनिया भर के 1200 बॉडी बिल्डर्स को पछाड़ते हुए तीन गोल्ड मेडल अपने नाम किए। उसकी सफलता ने परिवार और देश का नाम रोशन किया है।

Bharat Baani Bureau

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